राहु-शुक्र की युति का फल देता है प्यार का जुनून
शुक्र प्रेम, संबंध, विलासिता, प्रसिद्धि और धन को नियंत्रित करता है जबकि राहु शुक्र की इन चीजों को काफी हद तक बढ़ाता है. यह योग व्यक्ति को अच्छा दिखने वाला बनाता है, विलासिता एश्वर्य ओर भोग की वृद्धि का संयोग होता है. व्यक्ति इस योग में विपरीत लिंग को अधिक आकर्षित करने के लिए प्रवृत्त होता है. ये योग प्यार और रिश्ते के लिए जुनून विकसित करने वाला होता हैं. इन दोनों का योग व्यक्ति को सीमाओं को पार करने के उकसा सकता है, अपने मनोकूल कार्य करने का हर संभव प्रयास किया जाता है.
यह ग्रह संयोजन सबसे जुनूनी प्रेमी या शिकारी में से एक बना सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि राहु-शुक्र मिलकर प्यार में जुनून पैदा करते हैं. व्यक्ति अपने प्यार के प्रति बेहद आसक्त होता है. कुछ मामलों में, यह शारीरिक रूप से अपमानजनक संबंध को भी जन्म दे सकता है. तो, यह स्पष्ट रूप से रिश्ते के मामलों में एक परेशानी भरा योग हो सकता है. व्यक्ति को धन, विलासिता और जीवन की उपयुक्तता के प्रति समान जुनून हो सकता है. साथ ही व्यक्ति विलासिता को प्राप्त करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए तैयार रहता है.
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व्यक्ति अपने लगाव के आगे कुछ नहीं देखता है भौगोलिक या सांस्कृतिक दूरियों से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता. इन दोनों ग्रहों की ऊर्जाएं मिलकर व्यक्ति को आराम, प्रेम और धन के प्रति थोड़ा जुनूनी बना देती हैं. इस युति वाला व्यक्ति बहुत अधिक यौन सक्रिय भी हो जाता है. व्यक्ति आकर्षक दिखता है. अपने साथी का हर पल ध्यान चाहते हैं. वे सही रिश्ते में विश्वास करते हैं और उस दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए सीमाएं भी पार कर सकते हैं.
राहु शुक्र की युति कब देगी असर
2022 की गोचर स्थितियों पर नजर डालें तो राहु ने 12 अप्रैल 2022 को शुक्र के वृष राशि से मेष राशि में गोचर किया था. अब 23 मई को शुक्र भी बृहस्पति की मीन राशि से मीन राशि में गोचर कर रहे हैं. मेष राशि में राहु-शुक्र की युति बनेगी.
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राहु-शुक्र योग बनाता है मनमौजी
राहु शुक्र युति का प्रभाव व्यक्ति को मनमर्जी करने वाला तथा मनमौजी बना सकता है. जातक में स्वच्छ्ंदता अधिक होती है. वह अपने अनुसर कार्य करने की इच्छा रखता है. दूसरों की बातों से अधिक खुद के अनुरुप चलना पसंद करता है. छाया ग्रह राहु के साथ शुक्र की युति व्यक्ति को गलत आदतों की ओर प्रवृत्त कर सकती है. इससे राहु धीरे-धीरे व्यक्ति के अंदर से नैतिकता को नीचा दिखाने लगता है. ऐसे व्यक्ति अपनी मर्जी के बिना गलत रास्ता भी चुन सकते हैं. इन युति प्रभावों के कारण व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन होते हैं राहु कुंडली में शुक्र के साथ होने पर कई तरह के अलग-अलग असर को दिखाने वाला हो सकता है.
शुक्र ग्रह, शुक्र सौंदर्य, इच्छा, प्रेम, धन है. विवाह का मुख्य कारक शुक्र ग्रह है. शुक्र पुरुष के लिए प्रेमिका या पत्नी का प्रतिनिधित्व करता है. शुक्र सभी संबंधों का कारक है, राहु - यह भ्रम, विदेशी भूमि, विदेशी चीजों का प्रतिनिधित्व करता है. अज्ञात चीजों में विदेश, दर्शाता है. ड्रग्स, दवाएं, किसी भी प्रकार का नशा, प्रसिद्धि, धन, सफलता, जुनून देता है. जब दोनों साथ होते हैं तो रोमांस रोमांच का नया रंग देखने को मिलता है.
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