सूर्य सर्व कल्याणकारी हैं, उनकी महिमा से गंभीर रोगों का निवारण हो जाता है। ऋग्वेद के अनुसार देवताओं में सूर्य का स्थान महत्वपूर्ण बताया गया है। सूर्य समस्त चराचर जगत की अंतरात्मा है। उनकी उपासना का प्रचलन वैदिक काल से चला आ रहा है। सूर्य की आराधना से व्यक्ति का भाग्योदय होता है एवं उसे सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
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रविवार का दिन सूर्य की उपासना को समर्पित है। इस दिन सूर्यनारायण का पूजन व पाठ करने से ग्रहों के दोष का निवारण होता है। रविवार के दिन सूर्य देव का व्रत सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन उपवास रखने से सूर्य देव भक्त की इच्छाओं और मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। इनकी आराधना से अन्य ग्रहों के दुष्प्रभाव कम हो जाते तथा व्यक्ति का जीवन खुशियों से भर जाता है।
उन्हें प्रत्यक्ष देव के रूप में जाना जाता है क्योंकि उनकी आराधना के लिए कोई भी उनके साक्षात रूप से दर्शन कर सकता है। माना जाता है की सूर्य के बिना जिस प्रकार यह संसार अधूरा है ठीक उसी प्रकार सूर्य देव के आशीर्वाद के बिना एक मनुष्य का जीवन सुख - सुविधाओं से परिपूर्ण होने के बाद भी अधूरा माना है। सूर्य की उपासना बहुत ही सरलता से पूर्ण हो जाती है तथा इसका आशीर्वाद भी भरपूर प्राप्त होता है।
रविवार के दिन जगन्नाथ गंगा घाट के किनारें कराएं सूर्यनारायण नवग्रह शांति पाठ और पाएं ग्रहों के दुष्प्रभावों से निजात
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रविवार के दिन प्रातः काल उठकर स्नान आदि कर लेना चाहिए। स्वच्छ वस्त्र धारण करके पूर्ण विधि - विधान से सूर्य पूजा करके संकल्प करना चाहिए। सूर्य देव का साक्षात नमन करके जल से उन्हें अर्घ अर्पण करना चाहिए। मन की जो कोई भी इच्छा है वह सूर्य देव के समक्ष व्यक्त करनी चाहिए और पूर्ण श्रद्धा से उनका ध्यान करना चाहिए। सूर्य देव समस्त विपदाओं का निवारण करेंगे एवं सभी को सुखमय जीवन प्रदान करेंगे।
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