पितृ पक्ष में इन पेड़ों की पूजा करने से प्राप्त होगा पितरों का आशीर्वाद
सनातन परंपरा( हिंदू धर्म ) में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पेड़ों की पूजा करने की शिक्षा दी जाती है और इस कार्य को बहुत ही शुभ माना जाता है इसी प्रकार पितृ पक्ष में भी कुछ पेड़ों की पूजा करना बहुत ही शुभ माना गया है. इन पेड़ों की पूजा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके साथ ही जीवन में सफलता प्राप्त होती है और धन लाभ के योग बनते हैं.
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पितृ पक्ष की शुरुआत 10 सिंतबर से हो चुकी है. 15 दिनों के पितृ पक्ष में पितरों की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस दौरान पिंडदान और दान-कर्म करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. पितृ दोष दूर करने के लिए कुछ पेड़ों की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है. आइए हम आपको बताते हैं कि यह कौन से पेड़ है और उनके क्या लाभ हैं.
पितृ दोष से मुक्ति पाने और पितरों को प्रसन्न करने के लिए आप इस दौरान कुछ पेड़ों की पूजा करना बहुत ही अच्छा माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन पेड़ों की पूजा करने से कार्य में सफलता प्राप्त होती है. इसमें बरगद का पेड़, पीपल का पेड़ और बेल का पेड़ आदि शामिल है. पितृ पक्ष में इन पेड़ों की पूजा करने का महत्व क्या है यहां जानें.
बरगद का पेड़ - बरगद को वट का वृक्ष भी कहा जाता है. पितृ पक्ष में इस पेड़ की पूजा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. पितृ पक्ष में जल में काले तिल मिलाकर बरगद के पेड़ को अर्पित करें. ऐसा माना जाता कि इससे पितरों की आत्मा तृप्त होती है. साथ ही बरगद का पेड़ भारत का राष्ट्रीय पेड़ भी है.
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पीपल का पेड़ - कहते हैं कि पीपल का पेड़ वैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण होता है कि क्योंकि यह पेड़ बाकी सब पेड़ों से में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन ऑक्सीजन छोड़ता है जो कि हमारे जीवन की मुख्य तत्व है, पितृ पक्ष में पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इस अवधि के दौरान नियमित रूप से दोपहर के समय जल में दूध मिलाकर पीपल के पेड़ को अर्पित करें. शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. पितृ सूक्त का पाठ करें.
बेल का पेड़ - ऐसा माना जाता है कि बेल का पौधा लगाने और उसकी नियमित देखभाल करने से पितर प्रसन्न होते हैं. पितृ पक्ष में रोजाना सुबह के समय जल में गंगाजल मिलाकर बेल के पौधे को अर्पित करें. ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है.
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