पौराणिक परंपरा के अनुसार , मनुष्य का जीवन तभी सार्थक माना जाता हैं। जब वह अपने पूर्वजों का अपने जीवन काल मे श्रद्धा के साथ श्राद्ध करता हैं तो उसे बहुत सारा आशीर्वाद प्राप्त होता है। श्राद्ध पक्ष अपने पूर्वजों के प्रति प्रेम प्रकट करने का अच्छा अवसर माना जाता हैं । पूर्वजों का आगमन ही धरती पर श्राद्ध के समय इसलिए होता है कि वह अपने परिवार को आशीर्वाद दे सकें । श्राद्ध में पितरों को प्रसन्न करना बहुत ज़रूरी है , अगर वो प्रसन्न नहीं होते तो वह उल्टा श्राप भी दे सकतें हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार जब सूर्य का कन्या राशि में आगमन होता हैं , तब मृत्युलोक से पूर्वज अपने परिवार से मिलने धरती पर सुक्ष्म रूप में आते हैं। श्राद्ध पक्ष में तीन पीढ़ियों के पितरों को महत्व दिया गया हैं। शास्त्रों में श्राद्ध का विभिन्न स्वरूप में उल्लेख हैं जिन्हें अलग-अलग अवसरों व स्थान पर पूरा करने का विधान हैं। धार्मिक ग्रंथों में भगवान से पहले पितरों को स्थान दिया गया हैं । कहा जाता है जब तक पितृ प्रसन्न न हो तब तक भगवान भी प्रसन्न नही होतें।
घर बैठें श्राद्ध माह में कराएं विशेष पूजा, मिलेगा समस्त पूर्वजों का आशीर्वाद
यह संकेत बताते हैं,पितृ प्रसन्न हैं या नहीं।
- पितृ पक्ष में अचानक से रुका हुआ पुराना धन मिल जाएं या इस 16 दिन के समय में अचानक से धन की प्राप्ति हो जाएं , तो समझ लीजिए आपके पितृ प्रसन्न हैं।
- अगर श्राद्ध पक्ष में रुका हुआ कार्य पूरा हो जाएं तो समझ लीजिए आपके पितृ प्रसन्न हैं।
- अगर आपके सपने में पितृ दिखाई दे रहें हो , तो यह भी एक संकेत है कि वह प्रसन्न हैं।
- अगर आपके सपने में सांप देख कर आप प्रसन्न हो रहे हो तो समझ लीजिए आपके पितृ प्रसन्न हैं।
इस वर्ष श्राद्ध
इस साल श्राद्ध 1 सितंबर से 17 सितंबर तक हैं। इस साल नवरात्रें श्राद्ध के तुरंत बाद नही हैं बल्कि एक महिनें बाद हैं । ऐसा अधिक मास के कारण हो रहा हैं।इस वर्ष लीप ईयर और अधिक मास साथ में हैं। ज्योतिषों की माने तो कई सौ साल बाद ऐसा संजोग बना हैं कि लीप ईयर और अधिक मास साथ आए हैं।
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