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जानिए पापकुंशा एकादशी व्रत को कब और कैसे करना चाहिए व इसके शुभ प्रभाव क्या होते हैं

ज्योतिषाचार्य राज रानी Updated 16 Oct 2021 02:10 PM IST
Papkunshi ekdashi vrat
Papkunshi ekdashi vrat - फोटो : google
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पापंकुशा एकादशी, 

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी के रुप में मनाया जाता है. पापंकुशा एकादशी 16 अक्टूबर, शनिवार के दिन मनाई जाएगी.  पापंकुशा एकादशी पापांकुशा एकादशी वैष्णव संप्रदाय के लोगों के लिए विशेष महत्वपूर्ण होती है. इस दिन भगवान श्री विष्णु का पूजन होता है और उनके निम्मित व्रत का विधान संपन्न किया जाता है. दक्षिण भारत में इस एकादशी को भगवान विष्णु के अवतार भगवान पद्मनाभ को समर्पित किया जाता है. इस दिन भक्त पूरे समर्पण और भक्ति भाव के साथ भगवान पद्मनाभ की पूजा करते हैं. पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने से भगवान पद्मनाभ की कृपा प्राप्त होती है वह भक्त संसार के सभी सुखों का उपभोग करता है. 

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पापांकुशा एकादशी शुभ प्रभाव 

पापंकुशा एकादशी को महत्वपूर्ण एकादशियों में से एक माना जाता है क्योंकि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है उसे अच्छे स्वास्थ्य, धन और अन्य सभी सांसारिक इच्छाओं की प्राप्ति होती है. पापों का नाश होता है और उसे उत्तम गति भी प्राप्त होती है. 

पापांकुशा एकादशी व्रत इत्यादि धार्मिक कार्य 

पापांकुशा एकादशी के दिन भक्त कठोर उपवास का पालन करते हैं. इसी के साथ मन वचन कर्म से शुचिता अपनाते हैं.  मौन व्रत का पालन भी किया जाता है. इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को प्रात:काल समय बृह्म मुहूर्त समय स्नान करने के पश्चार साफ स्वच्छ् वस्त्र धारण करके इस व्रत का संकल्प लेना चाहिए. पापांकुशा एकादशी व्रत के नियमों का आरंभ 'दशमी तिथि' से शुरू हो जाता है.  इस दिन सूर्यास्त से पूर्व  'सात्विक' भोजन किया जाता है और एकादशी के अंत तक उपवास जारी रखा जाता है. व्रत का पालन करते समय, भक्तों को झूठ नहीं बोलना चाहिए या कोई पापपूर्ण कार्य या कर्म नहीं करना चाहिए. पापांकुशा एकादशी व्रत का समापन 'द्वादशी तिथि के दिन होता है. इस दिन ब्राह्मण को भोजन तथा दान दक्षिणा देकर आशिर्वाद लिया जाता है इसके पश्चात व्रत की समाप्ति संपन्न होती है. 

इस व्रत को रखने वाले को दिन और रात में निद्रा का त्याग करना चाहिए तथा अपना समय भगवान विष्णु की स्तुति में वैदिक मंत्रों और भजनों का पाठ करने में व्यतीत करना चाहिए. इस दिन 'विष्णु सहस्रनाम' का पाठ करना भी बहुत शुभ माना जाता है.

पापांकुशा एकादशी महत्व 

पापांकुशा एकादशी अनुसार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.  श्री हरि के 'पद्मनाभ' रूप की पूजा फूलों, पान के पत्तों, दीयों से की जाती है.  एकादशी के दिन दान करना भी बहुत फलदायी होता है. यदि कोई व्यक्ति उपवास नहीं कर सकता है, तो वे ब्राह्मणों को भोजन और अन्य आवश्यक चीजें दान कर सकते हैं और शुभ फल व पुण्य प्राप्त कर सकते हैं. मान्यता अनुसार पापांकुशा एकादशी के दिन किया गया दान उत्तम लोक प्रदान करने वाला होता है.

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