इस पितृ पक्ष गया में कराएं श्राद्ध पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 20 सितम्बर - 6 अक्टूबर 2021
जानें क्यों जरूरी है आरती
श्राद्ध के इन दिनों में पितरों के तर्पण के लिए जहां पितरों को संतुष्ट करने हेतु विधि-विधान से पूजा अर्चना का प्रावधान है, वहीं यदि आप इन पंद्रह दिनों में नियमित रूप से आरती करें, तो आप खुद में भी अद्भुत बदलाव देख पाते हैं। ये बदलाव इशारा होती है कि आपके पितरों का आशीर्वाद आपको प्राप्त हो रहा है।
आइए जानते हैं पितृ को प्रसन्न करने हेतु कौन सी आरती आप कर सकते हैं
जय जय पितर जी महाराज,
मैं शरण पड़यों हूँ थारी,
शरण पड़यो हूँ थारी देवा,
रखियो लाज हमारी,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी ।।
आप ही रक्षक आप ही दाता,
आप ही खेवनहारे,
मैं मूरख हूँ कछु नहिं जाणूं,
आप ही हो रखवारे,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी।।
आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी,
करने मेरी रखवारी।
हम सब जन हैं शरण आपकी,
है ये अरज गुजारी,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी ।।
देश और परदेश सब जगह,
आप ही करो सहाई,
काम पड़े पर नाम आपको,
लगे बहुत सुखदाई,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी।।
भक्त सभी हैं शरण आपकी,
अपने सहित परिवार,
रक्षा करो आप ही सबकी,
रहूँ मैं बारम्बार,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी ।।
जय जय पितर जी महाराज,
मैं शरण पड़यों हूँ थारी,
शरण पड़यो हूँ थारी देवा,
रखियो लाज हमारी,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी।।
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