शनिवार के दिन पूर्ण श्रद्धा से शनि देव की स्तुति करनी चाहिए। शनि चालीसा एवं शनि मंत्रों का जाप करना भी बहुत फलदायी माना जाता है। शनि देव न्यायप्रिय देव है अर्थात वह व्यक्ति को समस्त परेशानियों से मुक्त करके सुखमय जीवन प्रदान करतें है। वह सभी को उनके कर्मानुसार फल प्रदान करतें है। शनि देव को प्रसन्न करने हेतु व्यक्ति को शनिवार के दिन काले रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए। ऐसा करने से शनि प्रसन्न होतें है क्यूंकि उन्हें काला रंग बहुत प्रिय है। इस दिन व्रत रखने से दुःख - दर्द दूर होतें है। शनि पर सरसों के तेल का दान बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा करने से अष्टम शनि , साढ़े साती एवं शनि की ढैय्या जैसे प्रकोप दूर होतें है। शनि कृपा की प्राप्ति भी होती है।
शनिवार के दिन प्रातः काल उठकर स्नान आदि संपन्न कर लेना चाहिए। ध्यान रहे की शनि देव के पूजन के समय व्यक्ति का मुख पश्चिम दिशा की ओर हो। शनि इस दिशा के स्वामी माने जातें है और इस दिशा में मुख करके शनि का पूजन करने से शनि के प्रकोप से मुक्ति भी मिलती है। इस दिन शनि देव के भक्तों को काले रंग के पशु - पक्षिओं को भोजन अवश्य करवाना चाहिए। खासतौर पर कुत्तें को तेल लगाकर रोटी का भोग बहुत अच्छा माना जाता है। कुत्ता शनि देव का सवारी भी माना जाता है। इस दिन कौवों को काले गुलाब जामुन का सेवन प्रदान करना भी लाभदायक माना जाता है। इससे व्यक्ति के घर से दरिद्रता का वास समाप्त हो जाता है। उसके बनते कामों में आ रही बाधाओं का भी निवारण हो जाता है।
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