1. हर घर के मंदिर में तो माता लक्ष्मी जरूर मौजूद रहती होती हैं। लेकिन लोग कई बार गलती से देवी लक्ष्मी की खड़ी अवस्था में मूर्ति स्थापित कर देते हैं। जिसे नहीं रखना चाहिए। क्योंकि इस अवस्था इस स्वरूप में की जाने वाली पूजा फलीभूत नहीं होती।
2. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता लक्ष्मी चंचल मन की होती है। यही कारण है कि खड़ी अवस्था में उनकी मूर्ति रखने पर वह उस स्थान पर ज्यादा देर वास नहीं करती है।इसलिए मूर्ति लेते वक्त ध्यान रखें कि प्रतिमा बैठी अवस्था में होनी चाहिए।
3. उल्लू मां लक्ष्मी का वाहन होता है। जोकि चंचल स्वभाव का होता है। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि मूर्ति लेते ñसमय देवी मां की अवस्था कभी भी उल्लू पर बैठी हुई ना हो। अन्यथा वह शुभ नहीं देंगे।
4. आप देखते होंगे कि अक्सर घरों में गणेश जी के साथ, माता लक्ष्मी की मूर्ति दिखाई पड़ती है। जबकि इस प्रकार रखना बिल्कुल गलत है। दरअसल लक्ष्मी मां भगवान विष्णु की पत्नी है। इसलिए भगवान विष्णु जी के साथ हीं माता लक्ष्मी की प्रतिमा रखनी चाहिए।
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5. माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की प्रतिमा सिर्फ दीपावली के दिन हीं एक साथ रखा जाता है। क्योंकि इनकी एक साथ पूजा करने से सुख और समृद्धि का घर में आगमन होता है। इसलिए दीपावली के दिन भगवान गणेश और लक्ष्मी देवी का एक साथ पूजन करें।
6. लक्ष्मी मां की मूर्ति कभी भी दीवार में सटी हुई नहीं रखना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार इसे वास्तु दोष की गणना में रखा जाता है। इसलिए दीवार और मूर्ति के बीच थोड़ा फासला रखें।
7. वास्तु शास्त्रों के मुताबिक घर की मंदिर का स्थान और मंदिर में रखी देवी-देवताओं की दिशा सही होना बहुत जरूरी होता है। माता लक्ष्मी की प्रतिमा तो हमेशा उत्तर दिशा में रखना चाहिए। तभी उनकी कृपा बरसेगी।
8. शास्त्रों के हिसाब से घरों में माता लक्ष्मी की एक से अधिक मूर्ति या तस्वीरें रखना वर्जित माना जाता है।
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