नवरात्र सनातन धर्म का प्रमुख पर्व है। इस दौरान नौ रातों और दस दिनों तक देवी भगवती के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्र के दिनों में माता रानी की पूजा करते समय नियमों का विशेष पालन करना होता है। अन्यथा देवी भवानी रूठ जाती हैं। तो आइए जानते हैं कि वह कौन से कार्य हैं जो नवरात्र के दौरान नहीं करने चाहिए ।
पूजा करते समय यह करना न भूलें ।
नवरात्र में पूजा करते समय आसन जरूरी बिछाएँ। कभी भी जमीन पर बैठकर पूजा नहीं करनी चाहिए। ध्यान रखें कि 9 दिनों तक माँ के मंदिर में या घर में दीपक जरूर जलाएँ। देवी माँ को लाल रंग अत्यंत प्रिय है तो माँ का आसन और वस्त्र लाल रंग का ही रखें। इसके अलावा हर दिन मां के लिए अलग-अलग रंग हैं। यदि आप चाहें तो देवी भगवती का श्रृंगार और वस्त्र आदि भी दिन के अनुसार पहना सकते हैं।
मेहमान आएं तो रखें इस बात का ध्यान ।
शारदीय नवरात्र दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। नवरात्र पर ध्यान रखें कि घर से कोई भी मेहमान भूखा नहीं जाए। इसके अलावा कोई कन्या यदि आपके घर आए तो उसे खाली हाथ न लौटाएँ।
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नवरात्रि में बाल, दाढ़ी-मूछ नहीं कटवानी चाहिये नवरात्र पर माँ के मंदिर में अनाज का भोग जरूर लगाएँ, फलों का भोग लगाएं, व्रत करते हों या नहीं लेकिन नवरात्र के दौरान कैंची का प्रयोग न करें। साथ ही ब्रह्मचर्य व्रत का भी पालन करें, शारीरिक संबंध भूलकर भी न बनाएँ। अगर मासिक धर्म चल रहा हो तो पूजा-अर्चना करने से परहेज़ करें।
नवरात्र पर नहीं करना चाहिए इसका प्रयोग।
नवरात्र पर चमड़े के जूते, चप्पल और बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सनातन धर्म में शुभ कार्यों में काले रंग का परहेज़ करना बताया गया है। इसलिए नवरात्र के दिनों में काले रंग के वस्त्र पहनने से परहेज़ करें। निंदा, चुगली, झूठ का परित्याग करें और लहसुन-प्याज का प्रयोग न करें। अगर व्रत करते हों तो नींबू काटने से भी बचें।
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नवरात्रि से जुड़ी यह कुछ ख़ास बातें नहीं जानतें होंगे आप !