हिंदू धर्म के शास्त्रो औऱ कैलेंडर के अनुसार चैत्र के इस महीने में हिंदू धर्म में मनाये जाने वाले त्योहारों की रहेगी लहर जिसे पूरे देश में धुमधाम से मनाया जाता है और जैसे की आप जाने है 13 अप्रैल को देश में उत्सव की धूम रहेगी। सरकार की तरफ से दिए गए कोरोना के नियमों का भी पालन करेंगें जिससे इसे भी फैलने से रोका जाए।
बता दें कि 13 अप्रैल को हिंदू नववर्ष की शुरूआत होने जा रही है। इस दिन नव संवत्सर विक्रम संवत 2078 का आरंभ होगा। इस संवत्सर का नाम संबोधन राक्षस है। इसके राजा और मंत्री दोनों ही मंगलदेव हैं जिसे देश में पुरे रिति-रिवाजों के साथ मनाया जाएगा।
बैसाखी को सिख धर्मावलंबियों के जरिए मनाई जाएगी जिससे सिंधी समाज के लोग चैत्रीचंड में भगवान झूलेलाल का उत्सव मनाएंगे। महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा 2021 को धूम धाम से मनाया जाता है और इसे हिंदू नववर्ष 2021 की तरह एक त्योहार के पूर में मनाया जाता है।
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हांलाकि 13 अप्रैल मंगलवार को नवरात्रि भी प्रांम्रभ हो रहे है। इस बार घट स्थापना का समय दिन में 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 बजकर रहेगा। इस दिन शैलपुत्री देवीदुर्गाके नौ रूप में पहले स्वरूप की पूजा कि जाती है।
वहीं एक तरफ गुड़ी पड़वा 2021 के दिन पंचांग का श्रवण और पाठ किया जाता हैं जिसमें हिंदू संगठन प्रभात के लोग फेरी निकालते हैं और शंखनाद घंटनाद किया जाता है। गुड़ी का अर्थ विजय पताका होता है।
वहीं दूसरी और चैत्रीचंड 2021 में सिंधी समुदाय के लोग भी अपने इष्टटेव झूलेलाल की जयंती 2021 मनाते हैं। झूलेलाज जयंती की पूजा का समय 13 अप्रैल 2021 को सुबह 10 बजकर 15 मिनट से 14 अप्रैल को 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
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