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Home ›   Blogs Hindi ›   Navaratri 2021 : Durga Pooja bhairav pooja significance

नवरात्रि 2021 : माँ दुर्गा के पूजन में भैरव की पूजा आवश्यक क्यों ?

Myjyotish Expert Updated 01 Apr 2021 09:05 PM IST
Ma durga
Ma durga - फोटो : Myjyotish
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जिस तरह कोई भी शुभ कार्य भगवान गणेश के पूजन बिना  अधूरा है । उसी तरह भैरव के बिना माता रानी की पूजा अधूरी होती है  आज हम जानेंगे कैसे हुआ भगवान शिव से काल भैरव की उत्पत्ति किस कारण नवरात्रि में कन्या पूजन के साथ भैरव की पूजा की जाती है । 

नवरात्रि में अष्टमी या नवमी को कन्या पूजन किया जाता है   । 

जिसमें कन्या के साथ भैरव की भी पूजा की जाती है  हिन्दू मान्यताओं के अनुसार माता रानी की पूजा भगवान भैरव के बिना अधूरी है  । अगर कोई नवरात्रि का उपवास करता है  । और वो माता रानी पूजा तो करता है किन्तु भैरव की पूजा नहीँ करता तो उसे व्रत के फल की प्राप्ति नहीं होती  । 

यही कारण की जहाँ भी माता रानी के मंदिर पाए जाते हैं वहां काल भैरव का मंदिर जरूर होता है   । 

अगर कोई माता रानी के मंदिर में दर्शन करता है।  किन्तु वो भैरव के मंदिर दर्शन नहीं करता तो माता रानी को वो दर्शन अधूरा माना जाता है  । 

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काल भैरव तंत्र के देवता माने जाते हैं ज़ो केवल और केवल तंत्र पर आधारित कार्य करने के लिए जाने  जाते हैं  । जिनकी पूजा गृहस्थ लोग नहीं करते हैं किन्तु बटुक भैरव या बाल भैरव की गृहस्थ  लोग पूजा करते हैं । जिसमें 6-7 साल के बाल को बाल भैरव के नाम से जाना जाता है इसके विपरीत बटुक भैरव 15-16 साल के किशोर के रूप में पूजे जाते हैं । 

कैसे हुआ भैरव का जन्म

शिव पुराण के अनुसार एक बार भगवान विष्णु, भगवान ब्रह्मा और भगवान शिव के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद बढ़ गया । जिससे सुलझाने के लिए वो ऋषि मुनि के पास  गए और ऋषि मुनि से पूछा की हम तीनों में कौन सबसे श्रेष्ठ है । जिस पर थोड़ी देर विचार करने के बाद उन्होंने कहा कि आप तीनों में शिव ही श्रेष्ठ है जिस पर भगवान ब्रह्मा नाराज हो गए  और भगवान शिव को परेशान करने के लिए  न ए - न ए  उपाए खोजने लगे जिससे भगवान शिव को बहुत तेज क्रोध आ गया और उनके गुस्से से कालभैरव का जन्म हुआ क्योंकि भैरव का जन्म भगवान शिव के कारण क्रोध से हुआ इसलिए काल भैरव दिखने में बहुत भयानक दिखाई देते है ।  किन्तु जो लोग काल भैरव की पूजा उपासना करते हैं काल भैरव उनकी हर हाल में सुरक्षा करते हैं  ।

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