National Unity Day: राष्ट्रीय एकता दिवस जिनके प्रयासों से मजबूत हो पाई भारती की अखंडता की नीव
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भारत की एकता और संप्रभुत्ता हेतु हर व्यक्ति के भीतर जो रंग आज हम देखते हैं वह उन लोगों के अथक प्रयासों की देन रहा जिन्होंने देश को शक्ति एवं अखंडता देने हेतु अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया. भारत के स्वाधिनता आंदोलन एवं अन्याय के प्रति न्याय की लड़ाई के लंबे संघर्ष के पश्चात भारत को आजादी प्राप्त हुई. भारत विविधताओं से भरा देश है, धर्म, जाति, भाषा, सभ्यता और संस्कृतियों का अदभुत संगम भारत में होता है.
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यहां सभी एक साथ प्रेम भाव से रहते हैं. इस एकता को बनाए रखना बहुत ज़रूरी है इसलिए, राष्ट्र की एकता स्थापित करने के लिए, भारत सरकार ने 2014 में राष्ट्रीय एकता दिवस का प्रस्ताव रखा जिसे सभी ने स्वीकार किया. सरदार पटेल भारत के एकीकरण के प्रयास द्वारा ही इस देश को संयुक्त होकर संगठित होने का बेजौड़ मार्ग मिल पाया, इसलिए हर साल उनकी जयंती जो 31 अक्टूबर के दिन मनाई जाती है उसी दिन पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाए जाने पर सहमति भी बनी ओर आज देश भर में यह दिन उत्साह के साथ मनाया जाता है.
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राष्ट्रीय एकता दिवस और जयंती पर्व
भारत की एकता के रुप को जिस व्यक्ति ने एक साकार स्वरुप प्रदान किया उसमें सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान बेहद अहम रहा है. सरदार वल्लभभाई जी के अथक प्रयासों से ही भारत्र की 565 रियासतों का विलय संभव हो पाया है. भारत को इस रुप से एक राष्ट्र होने का अवसर मिला. सरदार वल्लभभाई पटेल के विशेष प्रयासों एवं कार्यों के चलते ही आज राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है. वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर इस दिवस को मनाना सच में एक सार्थक पहल को दिखाता है. राष्ट्रीय एकता दिवस या राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 से आरंभ होता है ओर अब हर वर्ष 31 अक्टूबर को मनाया जाता है.
एकता दिवस की देश भर में रहती है धूम
इस दिन को मनाने के पीछे का महत्वपूर्ण कारण भारत की विविधता का एक रुप सभी के समक्ष लाना भी रहा है तथा लोगों को एक साथ रहने और समाज के उत्थान के लिए सभी के प्रयासों की महत्ता एवं विचारों से अवगत होना भी रहा है.इसे पहली बार 2014 में मनाया गया था और तब से हर साल ही इस दिन पर यह विशेष पर्व मनाया जाता रहा है.
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इस दिन देश भर में अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जैसे रन फॉर यूनिटी नामक मैराथान जिसमें दौड़ का आयोजन होता है. राष्ट्रीय अखंडता में सरदार पटेल के योगदान को लेकर कई झाकिंया भी निकाली जाती हैं. राष्ट्रीय एकता प्रतिज्ञा आदि के बारे में सभी को जागरूक किया जाता है प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन भी इस समय पर किया जाता है