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Home ›   Blogs Hindi ›   Naaga Sadhu Life History & Mystery Naga Sadhu Ka Rahasya Itihas Bataye

जानिए कौन हैं नागा साधु और क्या है उनके जीवन का रहस्य ?

Myjyotish Expert Updated 18 Mar 2021 11:30 AM IST
Mahakumbh
Mahakumbh - फोटो : Myjyotish
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हिन्दू धर्म के सबसे बड़े आयोजन में एक माना जाता है कुम्भ मेला जो कि इस साल हरिद्वार में आयोजित किया जाएगा। हर 12 साल में चार महाकुंभ का अलग-अलग जगहों पर आयोजन किया जाता है I इस पवित्र जगह पर डुबकी लगाने के लिए देश विदेश से श्रद्धालु, संत, नागा साधु आते हैं और अपनी कष्ट को दूर कर जाते हैं I कुंभ मेले में सबसे ज्यादा किसी तरफ लोगों का ध्यान खींचता है तो वह है नागा साधु। पर क्या आपने कभी सोचा है कि कुम्भ मेले में नागा साधु कहां से आते हैं और मेले के बाद वह कहां चले जाते हैं ? तो आईए जानते हैं नागा साधु और उनके जीवन का रहस्य।
 
माना जाता है कि नागा शब्द संस्कृत से निकल कर आया है जिसका अर्थ पहाड़ से होता है I ज्यादातर नागा साधु उत्तरी पूर्वी भारत में पाए जाते हैं I नागा साधु बनने के प्रक्रिया में लम्बे समय से ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है और साथ ही मानसिक नियंत्रण को भी परखा जाता हैI
 

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इनका जीवन सबसे अलग और अनोखा माना जाता है और और इस तरह की जीवन जीना आम लोगों के लिए बिल्कुल भी संभव नहीं हैI कड़ाके की सर्दी हम सभी को जितने कपड़े मिले वह कम पड़ जाते हैं पर नागा साधु निर्वस्त्र रहते हैंI इन्हे ना कपोई आते देखता है और ना कोई जाते देख पाता है, असल में इनकी ज़िंदगी बहुत ही कठिन होती हैI नागा साधु बनने की प्रक्रिया कई सालों तक चलती रहती हैI कुंभ के बाद यह बहुत मुश्किल से ही दिखाई देते हैंI
 
कहा जाता है की ज्यादातर नागा साधु काशी, हिमालय, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में अपना जीवन व्यतीत करते हैंI वह सभी गुफाओं में रहकर तपस्या करते हैं और कई बार वह अपनी जगह बदलते रहते हैंI कुछ तो अपनी पूरी जीवन जंगलों में घूम कर ही काट देते हैंI कुम्भ के बाद वह सभी सार्वजनिक जगहों पर दिखाई नहीं देते हैं, वह अगले कुम्भ तक कड़ी तपस्या करते हैI साधना के दौरान वह फल खा कर ही रहते हैं, वह 24 घंटे में केवल एक बार ही भोजन करते हैंI कुम्भ ख़त्म होते ही सभी नागा साधु अपने-अपने आश्रम और गुफाओं में जाकर तपस्या में लीन हो जाते हैं और कुछ अपने अखाड़े की देखते हैंI इसका प्रचलन आज से नहीं बल्कि कई युगों से चलता आ रहा है. इसका इतिहास बहुत ही पुराना रह चूका हैI
 
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