हिन्दू धर्म में नवरात्रि को बहुत ही धूमधाम से एक त्योहार के रूप में मनाया जाता हैं। हर साल चैत्र के दिनों में नवरात्रि का आयोजन किया जाता हैं। लेकिन इस साल कोरोना वायरस के चलते देश में काफी सार्वजनिक आयोजनों पर पाबंदी लगा दी गई हैं। वहीं चैत्र नवरात्रि देश में 13 अप्रैल को प्रारंभ होने जा रहा है और 21 अप्रैल तक मां के नौ रूपों को पूजा जाएगा और मां के 9 रूपों के लिए भक्त नौ दिनों तक व्रत भी रखते हैं जिससे लोगों के घरों में सुख समृद्धि और शांति की प्रार्थना की पूजा की जाती है जिससे उनके घर में सुख का माहौल बना रहें। इन सब पूजा-पाठ से प्रसन्न होकर मां अपने भक्तों पर अपनी कृपा हमेशा बनाए रखती हैं।
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माना जाता है कि नवरात्रि के दिनों में पूजा को बहुत ही ध्यान से और कड़े नियमों का भी पालन किया जाता हैं। जैसे कि अखंड पूजा और सुबह वा शाम नहाकर पूजा करनी पड़ती है। नवरात्रि के दिनों नें कलश स्थापना का भी विशेष योगदान होता है। चैत्र में पंचांग के अनुसार इस बार 13 अप्रैल यानी की बुधवार को भक्तों के घरों में घटना स्थापना की जाएगी। इस बार कलश स्थापना का मुहूर्त प्रातः: 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। कलश स्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में सात तरह के अनाज बोए जाते हैं। इस के लिए भक्तों को सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहन कर और पूजा घर की भी साफ-सफाई कर कलश की स्थापना की जाती हैं। नवरात्रि के दिनों में लोगों अपनी इच्छा के अनुसार सोना. चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी के कलश की स्थापना की जाती है।
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