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Home ›   Blogs Hindi ›   Mata Shailputri Puja on the day one of Navratri

नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की होती है पूजा

My Jyotish Expert Updated 24 Mar 2020 02:08 PM IST
पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा
पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा
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नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों कि पूजा की जाती है। नवरात्रि का पर्व माँ के प्रति विश्वास और आस्था का पर्व माना जाता है। इस पर्व के पहले दिन माँ शैलपुत्री की आराधना की जाती है। वृषभ नाम के नंदी पर सवार होती हैं देवी शैलपुत्री। इनके एक हाथ में त्रिशूल वही दूसरे हाथ में कमल का फूल होता है। भक्त इन नौ दिनों में तप जप जैसे विभिन्न अनुष्ठान करके माँ को प्रसन्न करने की कोशिश करते है।


नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है, इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय के घर में पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण इनका नाम 'शैलपुत्री' पड़ा। इनकी उपासना से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

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वैसे तो वर्ष में चैत्र,माघ, आषाढ़ और आश्विन के माह में नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। जिसमें से चैत्र और आश्विन माह की नवरात्रि को ही प्रमुख माना जाता है। नवरात्रों के दिनों में ब्रह्म मुहर्त में उठकर साफ़ पानी से स्नान करना चाहिए। इसके बाद घर के किसी पवित्र कोने में मिटटी से वेदी बनाएं। वेदी में जौ और गेहूं दोनों को मिलकर बोया जाता है ।

वेदी के पास धरती माँ का पूजन कर वहां कलश स्थापना करें। इसके पश्चात प्रथम पूज्य श्री गणेश की आराधना कर पूजा आरम्भ करें। उसके बाद वेदी के किनारे देवी की प्रतिमा को स्थापित करें। माँ दुर्गा की कुमकुम ,चावल , पुष्प ,इत्र आदि से विधिवत पूजा करें। इसके बाद दुर्गासप्तशती का पाठकर पूजा संपन्न करे।

माँ शैलपुत्री की तस्वीर को स्थापित करें और उसके नीच चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं। इसके ऊपर केसर से शं लिखें और उसके साथ ही माँ से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्राथना करें। तथा हाथ में लाल पुष्प लेकर माता शैलपुत्री का ध्यान करें। 
माँ के मंत्रों का उच्चारण करे ,मंत्र पूर्ण हो जाने के बाद माँ के चरणों में अपनी इच्छा व्यक्त करके श्रद्धा से आरती व कीर्तन करें। माँ को गाय का घी अर्पित करने से भक्तों पर माँ की कृपा व आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है। तथा उनका मन व शरीर दोनों ही निरोग रहता है।

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