मंदिर की बात आती है तो हमें हमेशा यही लगता है कि मंदिर शहर के किसी सुंदर और शांत वातावरण में समाया होगा। लेकिन आज हम बात कर रहे है उस रहस्मयी मंदिर की जो मेरठ में श्मशान में स्थित है। जिसे मरघट वाली देवी कहा जाता है। इस मंदिर में स्थापित मूर्ति को मां मशा देवी के रूप में पूजा जाता है।
मंदिर का रहस्य आज भी है बरकरार
मेरठ के श्मशान में इस मंदिर की स्थापना कब, कैसे और किसने की इसका रहस्य आज तक कोई नहीं जान पाया है। ऐसा कहा जाता है कि इस स्थान में दो साल पहले श्मशान घाट था। वहीं बीच में देवी मां की मूर्ति भी थी। इसलिए इसे मरघट वाली देवी के नाम से भी जाना जाता है।
रविवार को होती है विशेष पूजा
यह मंदिर मेरठ में मेरइ के औरंगशाहपुर डिग्गी गांव के श्मशान में स्थापित है। वैसे तो कभी भी यहां मां देवी की पूजा कर सकते है लेकिन रविवार को पूजा करना विशेष माना जाता है। रविवार को इस मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ रहती है। दूर -दूर से भक्त यहां दर्शन के लिए आते है। मान्यता के अनुसार जो यहां एक बार आता है वह कभी भी खाली हाथ नहीं लौटा है। स्थानिय निवासियों के अनुसार इस मंदिर में स्थापित मूर्ति सिद्ध मूर्ति है।
अन्य मंदिरों की भी होती है यहां पूजा-
यहां मंशा देवी के साथ-साथ माता संतोषी, काली माता, भगवान शिव, हनुमान और नवगृहों का भी मंदिर है। यहां इनके अलावा भी परिसर में 25 अलग-अलग देवी-देवताओं के मंदिर है। जिनकी नियमित रूप से पूजा- अर्चना की जाती है। यह मंदिर परिसर साढ़े चार बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है।
मंदिर के दीवारों पर लिखी जाती है मन्नते
हमने अक्सर यह किस्से सुने होगे कि किसी मंदिर के सरोवर में सिक्के फेंकने से तो किसी मंदिर में पेड़ पर धागा बांधने से सभी मुराद पूरी होती है। लेकिन मंशा देवी मंदिर में ऐसा माना जाता है कि यहां दीवार पर भक्त अपनी मन्नत लिखते है। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से मां भक्त की मुराद को सुनती है और उसे जल्द ही पूरा करती है।