बुध ग्रह को सभी 9 ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है और यहां एक शुभ ग्रह माना जाता है। वहीं अब बुध ग्रह का गोचर वृष राशि में होने जा रहा है, लेकिन मेष से लेकर मीन राशि के लोग इससे प्रभावित होंगे।
कहा जाता है कि कई बार ग्रहों की चाल बदलने से जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है तो कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
पंचांग शास्त्र के अनुसार 1 मई 2021 को सुबह 5 बजकर 32 मिनट पर बुध ग्रह वृषक्ष राशि में प्रवेश कर लेंगे और यह गोचर 26 मई 2021 तक बना रहेगा। इस दिन प्रात: 7 बजकर 50 मिनट के बाद मिथुन राशि में बुध ग्रह का राशि परिवर्तन होगा।
ज्योतिष शास्त्र कि मानें तो बुध ग्रह को वाणी, व्यापार, कम्युनिकेशन, बुद्धि, गणना, तर्क शास्त्र आदि का कारक माना गया है। कन्या बुध की उच्च और मीन बुध की नीच राशि है। मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध हैं।
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9 ग्रहों के राजकुमार 1 मई से बुध ग्रह वृष राशि में आ रहे है। जहां पहले से ही राहु जिसे पाप ग्रह के नाम सेभी जाना जाता है वो पहले से ही वहां पर विराजमान हैं। राहु के साथ बुध ग्रह की युति से जड़त्व योग का निर्माण होता है। कहा जाता है कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस योग को अशुभ माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु को कूटनीति, राजनीति, धोखा, प्रपंच, भ्रम, विदेशी भाषा, विदेश और मानसिक रोग आदि का भी कारक माना गया है। बुध और राहु जब एक साथ आ जाते हैं तो जड़त्व योग बनता है। ये कुंडली के अलग अलग भाव के अनुसार फल दायक होते है। वहीं वृष राशि में इस योग के बनने से धन संबंधी मामलों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वृषक्ष राशि के अलावा भी इस योग के असर को 12 राशियों पर देखने को मिलेगा। इसी दिन वृषक्ष संक्रांति भी होगी।
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