बता दें कि इस बार की आषाढ़ माह की शिवरात्रि 8 जुलाई यानी की कल गुरुवार के दिन पड़ रही है। हिंदू धर्म में मासिक त्योहारों में शिवरात्रि के व्रत को बहुत ही विशेष महत्व होती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना करने से महा वरदान की प्राप्ति कर सकते हैं।
मान्यता है कि इस शुभ दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की भी पूजी की जाती है।
कहते है कि इस दिन व्रत रखने से लोगों के गृहस्थ जीवन में आने वाली समस्त परेशानियां दूर होती है और साथ ही घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। खास तौर पर तो इस व्रत को कुंवारी लड़कियां अधिक रखती है जिससे उनका जीवन साथी उनकी मनचाहा का मिल सके। इस व्रत को रखने से भगवान शिव भी बहुत जल्दी अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते है और साथ ही उनका आशीर्वाद उनके ऊपर हमेशा बना रहता है।
तो आइए जानते है मासिक शिवरात्रि का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में
अपने घर से ही पाएँ महाकाल के रुद्राभिषेक का फल, 11 ब्राह्मणों से पूजन कराएँ समाप्त होगा अकाल मृत्यु का डर
मासिक शिवरात्रि 2021 तिथि एवं मुहूर्त
गुरुवार के दिन यानी 8 जुलाई को दोपहर 03 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर अलगे दिन 9 जुलाई यानी शुक्रवार के दिन प्रात 5 बजकर 16 मिनट तक रहने वाला है। व्रत का पारण 09 जुलाई के दिन रहेगा।मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि
- मासिक शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर भगवान शिव का ध्यान कर व्रत का संकल्प करे।
- मंदिर में जाकर या घर के मंदिर में ही शिवलिंग पर जल, घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि चढ़ाए। भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है। कहते है कि यह इन्हें अति प्रिय है। साथ में माता पार्वती की भी पूजा करें।
- ऊँ नम: शिवाय मंत्र का लगातार जाप करें।
- मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव के भोग में मीठा जरूर रखें।
मासिक शिवरात्रि महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत और भगवान शिव का ध्यान लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और यह भी कहां जाता है कि व्यक्ति अगर इस व्रत को रखता है तो वह अपने अवगुणों का त्याग करना होता है। इस व्रत को विधि-विधान के साथ रखने से भगवान से मनचाहा वरदान पाया जा सकता है। जीवन में सारी मुश्किलें आसानी से दूर हो जाती हैं।ये भी पढ़े:
दर्श अमावस्या 2021: सुख, समृद्धि और परिवार के उद्धार के लिए है यह दिन ख़ास
योगिनी एकादशी का व्रत रखने से 88 हजार ब्रह्मणों को भोजन कराने बराबर पुण्य, जानें मंत्र
जानें किस पेड़ की नियमित रूप से पूजा करने से दूर होती है गरीबी और बना रहता है धन का आगमन