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Home ›   Blogs Hindi ›   Masik Durga Ashtami June 2021 Date Tithi pooja vidhi vrat katha mahatva significance

मासिक दुर्गा अष्टमी कब है? जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और कथा का महत्व

Myjyotish Expert Updated 14 Jun 2021 11:42 AM IST
Masik Durga Ashtami June 2021
Masik Durga Ashtami June 2021 - फोटो : Google
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Masik Durga Ashtami June 2021 Date, Subh Muhrat and Significance: आप सब जानते ही होंगे कि नवरात्रि की अष्टमी तिथि को महाष्टमी कहा जाता है। यह हर साल में चार बार नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तारीख को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है और यह इस बार जेठ माह में 18 जून 2021 को मासिक महाष्टमी पड़ रही है। शास्त्रों के मुताबिक यह दिन मां दुर्गा के भक्तों के लिए बहुत ही विशेष दिन माना जाता है। कहते है इस दिन माता को खुश करने के लिए व्रत और विधि-विधान के साथ पूजा की जाती हैं। 

तो आइए जानते हैं मां दुर्गा के बारे में...

मासिक दुर्गाष्टमी तिथि और महत्व -

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिन को बहुत ही शुभ माना जाता है। भक्त मां के लिए व्रत रखते है जिसे मां जगदंबा की कृपा हमेशा बनी रहती है। कहते है कि इस दिन विधि-विधान के साथ पूजा करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। दुर्गाष्टमी व्रत रखने से घर में खुशहाली, सुख-समृद्धि और धन का संचार बना रहता हैं।

मासिक दुर्गा अष्टमी शुभ मुहूर्त-

जेठ महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत- 17 जून 2021 यानी बृहस्पतिवार रात 09 बजकर 52 मिनट से लेकर अलगे दिन 18 जून 2021 दिन शुक्रवार रात 08 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

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दुर्गाष्टमी की पूजा विधि-

अष्टमी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। 
घर के मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करें और फिर गंगाजल से मंदिर और घर में छिड़काव करें। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। उसके बाद माता के लिए एक चौकी लगाएं चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और फिर उस पर माता की प्रतिमा स्थापित करें। 
इन सब के बाद माता को लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं और उनके समक्ष धूप-दीप जलाएं। 
इसके बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर माता की आरती करें। 

दुर्गा अष्टमी कथा-

शास्त्रों के मुताबिक, पृथ्वी पर असुर बहुत ही शक्तिशाली हो गए थे और असुरों ने स्वर्ग पर भी अपना अधिकार जमाना शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने कई देवताओं को मार डाला और स्वर्ग में बुरी तरह से तबाही मचा दी। कहते है कि इन सब असुरों का राजा महिषासुर था। उसका विनाश करने के लिए भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा ने शक्ति स्वरूप देवी दुर्गा को बनाया। सभी देवी-देवताओं ने माता को विशेष और शक्तिशाली हथियार प्रदान किए और फिर मां आदिशक्ति दुर्गा ने पृथ्वी पर आकर सभी असुरों का वध कर दिया। इस युद्ध में असुरों का राजा महिषासुर को भी मां ने मार डाला। माना जाता है कि उसी दिन से मां दुर्गा अष्टमी का पर्व शुरू हुआ।

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