जाने अपनी समस्याओं से जुड़ें समाधान भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों के माध्यम से
क्षेत्र-जाति-समूह आदि के आधार पर इसमें विविधता भी है। प्रत्येक माता-पिता अपनी संतति के विवाह के विषय में काफी सजग रहते हैं। परन्तु काफी प्रयास के बाद भी जब सभी योग्यताओं से पूर्ण पुत्र अथवा पुत्री के विवाह की संभावना क्षीण होने लगती है, तब उस अभिभावक तथा उनकी संतति को होने वाली पीड़ा का अनुमान लगा पाना भी दुष्कर होता है। जबकि कुछ परिस्थितियों में यह देखा गया है कि विवाह तो बड़ी शीघ्रतापूर्वक और सहजता से हो गया, परन्तु विवाह के बाद नवविवाहित दम्पत्ति का जीवन कष्टप्रद तथा कलहपूर्ण हो जाता है। विवाह से जुड़ी इन समस्त समस्याओं को हम वैवाहिक विलम्ब, विवाह प्रतिबन्ध, वैवाहिक कलह, तलाक, वैधव्य-विधुरता आदि में विभाजित कर सकते हैं।
माय ज्योतिष के अनुभवी ज्योतिषाचार्यों द्वारा पाएं जीवन से जुड़ी विभिन्न परेशानियों का सटीक निवारण
मनुष्य का सम्पूर्ण जीवन ग्रह-योगों से ही निर्धारित होता है, अतः इन दुःखद तथा कष्टप्रद परिस्थितियों के लिए भी विभिन्न ग्रहयोगों को ही उत्तरदायी मानना होगा। संतोष का विषय यह है कि इन समस्याओं के ज्योतिषीय समाधान (वैदिक, तांत्रिक, मंत्र, यंत्र, व्रत, रूद्राक्ष, रत्न, लाल किताब के उपाय, घरेलू टोटके) भी उपलब्ध हैं। किसी भी समस्या से मुक्ति के लिए यह आवश्यक है कि समस्या के मूल कारण को समझा जाय और फिर उसे दूर करने के उपाय किए जाएँ। इस सन्दर्भ में भी हमें इसी प्रक्रिया का आश्रय लेना होगा। विवाह से जुड़ी अलग-अलग समस्याओं के लिए विभिन्न ग्रहस्थितियाँ या ग्रहयोग उत्तरदायी होते हैं। अतः आवश्यक यह है कि पहले इन समस्याओं के कारणों का अन्वेषण किया जाय और फिर उनसे मुक्ति के उपायों पर दृष्टिपात किया जाय।
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