हिन्दू धर्म में शिवरात्रि के पर्व को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार शिवरात्रि का पर्व 21फरवरी को पड़ रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार माघ के महीने में अमावस्या के दिन मनाया जाता है। महाशिवरात्रि को भगवान शिव और शक्ति के मिलन की रात माना जाता है। धार्मिक मान्यतानुसार इस दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था।
इस महाशिवरात्रि बन रहा है, शश योग-
इस बार महाशिवरात्रि पर एक अद्भुत संयोग बन रहा है। यह योग कई वर्षों के बाद बन रहा है। इस योग को शश योग कहा जाता है। यह योग साधना सिद्धि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। शश योग पांच ग्रहों की पुनरावृत्ति होने के कारण बन रहा है। इस पुण्य काल में दान करना भी बहुत शुभ रहता है।
इस बार सर्वार्थ सिद्धि का अद्भुत संयोग-
ज्योतिष के अनुसार इस बार की महाशिवरात्रि बेहद खास है, क्योंकि शश योग के साथ इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इस योग में विशेषतौर पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस दिन शिवपुराण पढ़ने के साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। जिससे भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं।
भगवान शिव की आराधना के लिए तीन रात्रियों को विशेष माना गया है। शरद पूर्णिमा की रात्रि को मोहरात्रि, दिपावली की रात्रि को कालरात्रि और महाशिवरात्रि को सिद्ध रात्रि माना गया है। महाशिवरात्रि पर रात्रि के चारों प्रहर पूजा करने का प्रावधान माना गया है। महाशिवरात्रि पर रात्रि के चारों प्रहर पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
ये करने से नहीं रहता अकाल मृत्यु का भय
देवों के देव महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र को बहुत अधिक शक्तिशाली माना गया है। महाशिवरात्रि पर इस मंत्र का विधि पूर्वक सच्चे मन से जाप करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। रोगों से मुक्ति मिलती है। लंबी आयु प्राप्त होती है।
वैसे तो अपने सामर्थ्य के अनुसार जप करना चाहिए, लेकिन अगर आप सक्षम हैं तो अधिक से अधिक जाप करना सही रहता है। इस मंत्र को एक लाख बार जपने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं, रोगों से मुक्ति मिलती है व शारीरिक शुद्धि होती है।
महाशिवरात्रि पर किस चीज से करें शिव का अभिषेक-
.कर्ज से मुक्ति के लिए शिवरात्रि पर साबुत चावल चढ़ाए।
.शिवपुराण के अनुसार शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर शिव के सहस्त्र नामों का स्मरण करते हुए घी चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से वंश का विस्तार होता है।
. कुंडली में मंगल दोष शांत करने के लिए पके हुए चावलों से शिवलिंग का श्रृंगार करना चाहिए।
.शहद का अभिषेक बहुत ही उत्तम माना गया है। इस अभिषेक से धन की प्राप्ति होती है साथ ही व्यक्ति निरोग रहता है।
.संतान की प्राप्ति के लिए पति-पत्नी मिलकर शिवलिंग पर दूध का अभिषेक करें।
शिवरात्रि पर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग रुद्राभिषेक से पाएं लंबी आयु और अच्छी सेहत का वरदान