myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Mahavir jayanti date timings significance april 2021

जानें महावीर जयंती कब है, अंधकार से बाहर निकलने वाले महापुरुष

Myjyotish Expert Updated 24 Apr 2021 10:17 PM IST
mahavir jayanti
mahavir jayanti - फोटो : Google
विज्ञापन
विज्ञापन

महावीर जयंती इस बार 25 अप्रैल यानी की कल रविवार के दिन पड़ रही है। इस दिन को भगवान महावीर के जन्मोत्सव के तौर पर पूरे देश में धुमधाम से मनाया जाता है। 
माना जाता है कि महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर का जन्म हिंदू धर्म के  चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के मंगल दिन बिहार के वैशाली कुंड ग्राम में राजा सिद्धार्थ राजा प्रसाद के यहां हुआ था। 

कहा जाता है कि तीर्थंकर का अवतार होते ही तीनो लोक आश्चर्यकारी आनंद से खलबला उठे। वैशाली में प्रभु जन्म से पूर्व चारों ओर नूतन आनंद का वातावरण छा गया। वैशाली कुंडलपुर की शोभा अयोध्या नगरी जैसी थी। उसमें तीर्थंकर के अवतार की पूर्व सूचना से संपूर्ण नगरी की शोभा में और भी वृद्धि हो गई थी।  
देशभर में इस दिन जैन मंदिरों में महावीर भगवान की पूजा की जाती है। उसी के साथ ही शोभा यात्रा भी जगह जगह पर निकाली जाती है। इस दिन जैन समुदाय के लोग स्वामी महावीर के जन्म की खुशियां मनाते हैं। इन्होंने दुनिया को सत्य, अहिंसा के कई उपदेश दिए थे। इन्होंने ही जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत बताए थे जो इस प्रकार हैं- अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य।
वर्धमान ने लोगों में संदेश प्रेषित किया कि उनके द्वार सभी के लिए हमेशा खुले रहेंगे।

महाराजा सिद्धार्थ ने भगवान महावीर के  बचपन का नाम वर्धमान था। इनकी माता का नाम महारानी त्रिशला और पिता का नाम महावीर महाराज सिद्धार्थ था। महावीर स्वामी ने आत्मज्ञान की तलाश में 30 वर्ष की उम्र में ही अपना सारा राजपाट छोड़ दिया था। इन्होंने अपना घर-बार छोड़ दिया था और अपने पत्नी और बच्चे को भी छोड़ कर चलेग गए थे।  उन्होंने 12 वर्ष तक कठोर तपस्या की और दीक्षा ग्रहण की। तप के पश्चात ही भगवान महावीर को कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई और वो तीर्थंकर कहलाए।

भगवान महावीर पूरे भारतीय समाज के लिए पथ प्रदर्शक की तरह हैं। उनकी  शिक्षाएं आज के समय में भी प्रासंगिक हैं और लोग उनके द्वारा दिए गए शिक्षा को आज भी बड़े आदर के साथ स्वीकार करते है।  वे भगवान को परमात्मा, जबकि मनुष्य को आत्मा के रूप में व्याख्यायित करते हैं और आत्मा हमेशा परमात्मा से मिलने के लिए आतुर रहती है। आत्मा का परमात्मा से मिलन होने पर ही मानव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्ष मानव जीवन का उच्च लक्ष्य है, मानव को इस दिशा में अभिप्रेरित होना चाहिए। हमारे सारे कर्म इसी दिशा में होने चाहिएं। भगवान महावीर की शिक्षाओं को स्कूलों-कालेजों में पढ़ाया जरूर जाता है, लेकिन उनका अनुसरण कोई विरला व्यक्ति ही करता है। इसी वजह से आज का मानव भौतिकवादी हो गया है, वह धर्म के मार्ग पर चलना भूल गया है। अगर हम आज भी प्रण कर लें कि हमें धर्म के मार्ग से विमुख नहीं होना है, तो मानव मात्र का कल्याण निश्चित ।
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X