महाशिवरात्रि व्रत पूजा विधि (Mahashivratri Vrat Pooja Vidhi)-
प्रातः काल स्नानादि करके शिव मंदिर जायें और वहां विधि-विधान से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें। भगवान शिव को मिट्टी या तांबे के लोटे में पानी या दूध से शिव जी का अभिषेक करें। फिर बेलपत्र,भांग, धतूरे के फल चावल भस्म फल फूल आदि से शिव पूजन करें।फिर अंतत: आरती करके शिव पूजन का समापन करें।
महाशिवरात्रि व्रत शुभ मुहूर्त -
निशीथ काल पूजा मुहूर्त - रात्रि 12:06:41 से रात्रि 12:55:14 तक।
अवधि :0 घंटे 48 मिनट।
महाशिवरात्रि पारणा मुहूर्त - सुबह 06:36:06 से दोपहर 15:04:32 तक।
पहले पहर की पूजा-
महाशिवरात्रि की हर पहर की पूजा का विशेष महत्व है। जिसमें भगवान शिव को आप प्रसन्न करके अपने जीवन की सभी समस्याओं को खत्म कर सकते हैं। पहले पहर की पूजा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के समय की जाती है।यह शाम 6:00 बजे 46 मिनट से रात 9:00 बजे के बीच होती है। पहले पहर की पूजा सभी दोषों के नाश लिए होती है। जिसमें आप पूजा करके अपने सभी दोषों का नाश कर सकते हैं।
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दूसरे पहर की पूजा -
महाशिवरात्रि के दूसरे पहर की पूजा रात में की जाती है। यह पूजा रात्रि 9 बजकर 47 मिनट से रात्रि 12 बजकर 48 मिनट तक की जाती है। इस पहर में भगवान शिव को दही से अभिषेक करके आप सुख समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं।
तीसरे पहर की पूजा -
महाशिवरात्रि के तीसरे पहर की पूजा मध्य रात्रि में की जाती है। इस पहर में पूजा करने का समय 12 बजकर 48 मिनट से 3 बजकर 49 मिनट तक का होता है।इस पहर की पूजा से आप अपनी सभी मनोकामना की पूर्ति कर सकते हैं। इस पहर में भगवान शिव की स्तुति करना अति फलदायक माना जाता हैं।
चौथे पहर की पूजा -
महाशिवरात्रि के चौथे पहर की पूजा सूर्योदय के समय होती है।इस पहर में पूजा का समय सुबह 3:00 बजे से हैं। इस पहर की विशेष पूजा से आप अपने सभी कष्टों को नष्ट कर सकते हैं।
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