• महाशिवरात्री के दिन सच्चे हृदय एवम् श्रद्धा भाव से बाबा भोलनाथ और माता पार्वती की पूजा करते हैं।
• इस दिन प्रातः काल उठकर स्नान कर के तांबे या पीतल के लोटे में दूध लेकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं।
• दूध के अतिरिक्त बेलपत्र, धतूरा, मदार के फूल, बेर आदि भी शिवलिंग पर चढ़ाते हैं।
• ऐसा माना जाता है कि शिवरात्री के दिन यदि अविवाहित कन्याएं व्रत करती हैं एवम् शिवलिंग पर जल या दूध चढ़ाती हैं तो उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।इस वाक्य के अनुसार ज्योतिर्लिंग का प्रादुर्भाव होने से यह पर्व महाशिवरात्रि के रुप में मनाया जाता है।
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• कुछ कथाओं के आधार पर कहा जाता है कि महाशिवरात्री के दिन चंद्रमा सूर्य के समीप होता है अतः इसी समय जीवन रूपी चंद्रमा का सूर्य के रूप में विराजमान शिव से योग-मिलन होता है इसलिए इस दिन शिव जी की आराधना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती
• सत्य ही शिव हैं और शिव ही सुंदर है। तभी तो भगवान आशुतोष को सत्यम शिवम सुंदर कहा जाता है। भगवान शिव की महिमा अपरंपार है । महाशिवरात्री के दिन इनकी पूजा करने से दाम्पत्य जीवन में आने वाली समस्याओं से निजात मिलती है और आपस मे प्रेम बढ़ता है।
• महाशिवरात्रि के व्रत को लेकर मान्यता यह भी है की इसे करने के पश्चात इंसान को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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