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Home ›   Blogs Hindi ›   Mahashivratri 2021 Why is it considered special to stay awake on the night?

महाशिवरात्रि के रात में जगे रहना क्यों माना जाता है ख़ास ?

Myjyotish Expert Updated 08 Mar 2021 01:14 PM IST
Mahashivratri
Mahashivratri - फोटो : Myjyotish
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हर साल महाशिवरात्रि का पर्व बड़े धूम धाम से मनाया जाता है. श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा अर्चना करने सुबह मंदिरों में पहुँच जाते हैं. इसमें बड़े से छोटे सभी वर्ग के लोग भाग लेते हैं और उत्साह मनाते है. वहीं, हर साल शिव पार्वती की शोभायात्रा भी निकाली जाती है और लोग देवो के देव महादेव की भक्ति में लीन हो जाते हैं. यह पर्व हर साल भक्ति भाव से मनाया जाता है और इस दिन अपनी मनोकामना पूरी  लोग व्रत भी रखते हैं. तो आइए जानते हैं कि क्या है महाशिवरात्रि करने का सही नियम और उसके फायदे।
 
महाशिवरात्रि में भगवान शिव की पूजा का बड़ा महत्व है क्यूंकि इसे पुरे विधि पूर्वक करने से सुख शान्ति के साथ आपको भगवान के आशीर्वाद भी प्राप्त होते हैं. ऐसा माना जाता है कि अगर  कोई पुरुष इस दिन व्रत रखता है तो उसे धन दौलत की प्राप्ति होती है, वहीं अगर महिलाएं व्रत रखती है तो सुख सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती हैI
 
गरुड़ पुराण के अनुसार, शिवरात्रि से एक दिन पहले शिव जी की पूजा करनी चाहिए और व्रत का संकल्प भी लेना चाहिए। महाशिवरात्रि वाले दिन प्रातः उठकर गर्म पानी और काले तिल से स्नान करना चाहिए, इससे तन और मन दोनों ही पवित्र हो जाते हैं. मंदिर जाकर भगवान का ध्यान करने के लिए दूध, जल और शहद अवश्य लेकर जाएं और उनका अभिषेक करें। इसके अलावा शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा भी चढ़ाना चाहिए, इससे वह प्रसन्न होते हैं. बता दें कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान् शिव को जल चढ़ाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. इस दिन व्रत रखने वाले पुरे दिन उनकी पूजा अर्चना में लीन होते हैं और शाम होते ही वह फिर से स्नान कर के मंदिर के आरती में शामिल हो जाते हैं. पूरी पूजन विधि में "ॐ नमः शिवाय" मंत्र से पूजा करनी चाहिए। अगले दिन प्रातः काल ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर व्रत का परायण करना चाहिए।

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गरुड़ पुराण के अनुसार, भगवान् शिव को बेलपत्र अवश्य अर्पित करना चाहिए उन्हें यह बेहद प्रिय हैI वहीं, शिव महा पुराण के अनुसार शिव जी को रुद्राक्ष, बेलपत्र, भांग, शिवलिंग, शिवलिंग और कशी अति प्रिय है. इस दिन दान करना भी काफी पुण्य माना जाता हैI
 
व्रत में क्या खाएं ?
अगर आप निर्जला व्रत नहीं रख सकते तो सेंधा नमक से बनी चीज, फल, दूध या दूध से बानी निर्मित चीजें का ग्रहण कर सकते हैं| चावल, आटा और दाल का सेवन भूल से भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आलू या लौकी से बनी चीजें खा सकते हैं और कुट्टू के आंटे से बानी पूड़ी, सिंघाड़े का आंटा भी इस्तेमाल कर सकते हैं|

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