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13अखाड़ो को कंट्रोल करने वाली संस्था
इससे पहले भी आयोजित हुए कुंभ और अर्धकुंभ के अलावा दूसरे धार्मिक आयोजनों में अखाड़ों के बीच वर्चस्व की लड़ाई चलती रहती थी. इससे बचने के लिए 1954 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की स्थापना की गई. इसके तहत कुल 13 अखाड़े शामिल हैं. इसी बैठक में सभी अखाड़ों के कुंभ और अर्धकुंभ में स्नान का वक्त और उनकी जिम्मेदारी तय कर दी गई थी, जिसे सभी अखाड़े अब भी मानते हैं.
अखाड़ों का किया हैं, इतिहास
हिंदू धर्म में , अखाड़े स्वरूप की बात करें तो आदि गुरु शंकराचार्य ने स्थापित किया था. देश के चार कोनों उत्तर में बद्रीनाथ, दक्षिण में रामेश्वरम, पूर्व में जगन्नाथ पुरी और पश्चिम में द्वारिका पीठ की स्थापना कर शंकराचार्य ने धर्म को स्थापित करने की कोशिश की. इसी दौरान उन्हें लगा कि जब समाज में धर्म की विरोधी शक्तियां सिर उठा रही हैं, तो सिर्फ आध्यात्मिक शक्ति के जरिए ही इन चुनौतियों का मुकाबला करना काफी नहीं है. शंकराचार्य ने जोर दिया कि युवा साधु कसरत करके शरीर को सुदृढ़ बनाएं और कुछ हथियार चलाने में भी कुशलता हासिल करें. इसके लिए ऐसे मठ स्थापित किए गए, जहां कसरत के साथ ही हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाने लगा. ऐसे ही मठों को अखाड़ा कहा जाने लगा. शंकराचार्य ने ये भी सुझाव दिया कि मठ, मंदिरों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जरूरत पड़ने पर शक्ति का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस तरह अखाड़ों का जन्म हुआ.
देश कुल इतने अखाड़े हैं।
1.श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, दारागंज, इलाहाबाद, यूपी
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा का जिम्मा इसी अखाड़े के पास है. यह परंपरा पिछले कई साल से चली आ रही है.
2. श्री पंच अटल अखाड़ा, चौक, वाराणसी, यूपी
3. इस अखाड़े में ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य ही दीक्षा ले सकते हैं.
4. 3. श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी, दारागंज, इलाहाबाद, यूपी
.5 यह अखाड़ा सबसे ज्यादा शिक्षित अखाड़ा है. इस अखाड़े में करीब 50 महामंडलेश्वर हैं.
6. 4. श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती, त्रयंबकेश्वर, नासिक
7. यह शैव अखाड़ा है जिसमें महामंडलेश्वर नहीं होते. आचार्य का पद ही प्रमुख होता है.
8. 5. श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, बाबा हनुमान घाट, वाराणसी
9. सबसे बड़ा अखाड़ा है. करीब 5 लाख साधु संत इससे जुड़े हैं.
10. 6. श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा, दशाश्वमेध घाट, वाराणसी, यूपी
11. अन्य अखाड़ों में महिला साध्वियों को भी दीक्षा दी जाती है लेकिन इस अखाड़े में ऐसी कोई परंपरा नहीं है.
12. 7.श्री पंचदशनाम पंच अग्नि अखाड़ा, गिरीनगर, भवनाथ, जूनागढ़, गुजरात
13. इस अखाड़े में केवल ब्रह्मचारी ब्राह्मण ही दीक्षा ले सकते है. कोई अन्य दीक्षा नहीं ले सकता है.
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