कुम्भ मेला हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक जाता है। इस साल इसका आयोजन उत्तराखंड में स्थित हरिद्वार में किया जा रहा है जी की पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। इस पवित्र जगह पर भारत की संस्कृति और प्राचीन सभ्यता भी देखने को मिलती है। कुम्भ के दौरान देश और विदेश से करोड़ों के तादाद में श्रद्धालु जमा होते हैं और अपनी कष्ट को दूर करने इस पवित्र जगह पर डुबकी लगाते हैंI यहां पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए भिन्न भागों से श्रद्धालु आते हैंI नागा, साधुओं जैसे लाखों लोग इस तीर्थयात्रा में शामिल होते हैंI यह दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समारोह में से एक है।
इस साल यह 14 जनवरी से आरम्भ हुआ है और अप्रैल 2021 तक जारी रहेगा। बता दें कि कुंभ मेला का आयोजन हर 12 साल में चार अलग-अलग जगहों पर किया जाता है जिसमे हरिद्वार, इलाहाबाद, उज्जैन और नासिक शामिल है । यहां ऐसी कई चीजें हैं जो पर्यटक को आकर्षित करती है। तो आइए जानते हैं उन सभी चीजों के बारे में।
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फ़ूड
कुंभ में आने वाले सभी भक्तों को प्रसाद दिया जाता है जो कि अविश्वसनीय रूप से स्वादिष्ट होता है और प्रमुख आकर्षण माना जाता है। यहां और भी कई स्ट्रीट फ़ूड लगाई जाती है जहां भिन्न प्रकार के खाने के अनुभव लिया जाता है।
नागा साधु
कुंभ में सबसे ज्यादा पर्यटक के लिए आकर्षण का केंद्र नागा साधु होते हैं। यह अखाड़े में दिखाई देते हैं और भगवान की पूजा में लीन रहते हैं। इनमे से कुवह निर्वस्त्र होते हैं और कुछ केसरिया रंग के कपड़ों में नज़र आते हैं। इनका जीवन आम लोगों से बहुत ही अलग और कठिन होता है। कहा जाता है की ज्यादातर नागा साधु काशी, हिमालय, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में अपना जीवन व्यतीत करते हैंI वह सभी गुफाओं में रहकर तपस्या करते हैं और कई बार वह अपनी जगह बदलते रहते हैंI कुछ तो अपनी पूरी जीवन जंगलों में घूम कर ही काट देते हैंI
आरती
कुम्भ आरती में शामिल होने के लिए लाखों की तादाद में लोग मौजूद होते हैं और सभी भक्त भगवान को श्रद्धा से याद कर के आरती करते हैं। इस समय चारो तरफ रोशनी से जगमगा उठता है।
भजन कीर्तन
कुम्भ में भजन आकर्षण का केंद्र बन जाता है। ज्यादातर भक्त, साधु मिलकर रात में एक जगह शामिल होते हैं और सभी ईश्वर का नाम जपते है। साथ ही मंत्रों का जाप भी किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और सभी की मनोकामना पूरी हो जाती है।
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