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ग्रहण के बुरे प्रभावों को कमजोर करने के लिए अनेकों पौराणिक मान्यताओं का पालन किया जाता है। जिसमें दान - पुण्य का विशेष महत्व माना गया है। यह चंद्रग्रहण 5 तारिक की आधी रात से पुरे भारत में देखा जा सकेगा। और इससे जुड़ी सबसे ख़ास बात यह है की इस ग्रहण में सूतक नहीं लगने वाले है जिसके कारण इसके प्रभाव ज्यादातर शुभ ही होने के योग है। ग्रहण के समय ज्यादातर घरों में खान - पान का सेवन वर्जित होता है। तथा ग्रहण की समाप्ति के बाद स्नान करना भी अनिवार्य माना जाता हैं।
चंद्र ग्रहण में छोटा सा दान, बनाएगा धनवान : 5 जून 2020
चंद्रग्रहण में इस बार समय की सामान्य धार्मिक पाबंदी नहीं होगी , अर्थात इस बार चंदग्रहण को देखने में किसी प्रकार की रोक - टोक का सामना नहीं करना पड़ेगा। ग्रहण के समय में चन्द्रमा वृश्चिक राशि में होंगे। ग्रहण की सबसे अनोखी बात यह है ग्रहण होते हुए भी चन्द्रमा कही से भी कटा हुआ नजर नहीं आएगा , और इस दृश्य को पुरे भारत में देखा भी जा सकेगा।
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यह ग्रहण ज्यादा प्रभावशाली नहीं होता है। इसलिए इसे बिना किसी चश्में या एक्स - रे के भी देखा जा सकता है , अर्थात इससे आँखों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। अक्सर देखा जाता है की ग्रहण के समय लोग खान - पान नहीं करतें है परन्तु इस चंद्रग्रहण में खान - पान में कोई रोक - टोक करने की आवश्यकता नहीं होगी। ज्योतिषाचार्यों या पौराणिक मान्यताओं की माने तो ग्रहण के दौरान किसी भी बच्चें , बुजुर्ग या पीड़ित व्यक्ति को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है। ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए इस दौरान चंद्र गायत्री मंत्र का जाप बहुत फल दायी होता है। साथ ही यदि ग्रहण के बाद चन्द्रमा से जुड़ी कुछ ख़ास वस्तुओं का दान किया जाएं , तो ग्रहण के कष्ट दूर हो जातें है।
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