myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Lost Temple Banswara Tripura Sundari Mandir Mystery

बांसवाड़ा में स्थित में त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर माना जाता हैं बहुत ख़ास ! जानें इससे जुड़ा यह रहस्य

Myjyotish Expert Updated 05 Feb 2021 05:35 PM IST
Tripura Sundari mandir
Tripura Sundari mandir - फोटो : Myjyotish
विज्ञापन
विज्ञापन

मां त्रिपुर सुंदरी का मंदिर राजस्थान में बांसवाड़ा (वाग्वरांचल) जिले में डूंगरपुर मार्ग पर तलवाड़ा पंचायत समिति मुख्यालय के समीप अरावली पर्वत श्रंखला के नीचे सघन हरियाली की गोद में उमराई के छोटे से ग्राम में माताबाड़ी में प्रतिष्ठित है।

मंदिर की प्राचीनता को प्रमाणित करता है विक्रम संवत 1540 का एक शिलालेख जो यहां स्थापित है। अनुमान है कि यह मंदिर सम्राट कनिष्क के काल से पूर्व का है। गुजरात, मालवा और मारवाड़ के शासक मां त्रिपुर सुंदरी के उपासक थे। 

प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार दक्ष-यज्ञ के विध्वंस के पश्चात भगवान शिव सती के शव को कंधे पर रख कर प्रलयंकारी तांडव करने लगे। तब सृष्टि को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को खण्ड-खण्ड कर भूतल पर गिराना आरम्भ किया। सती के अंग जिन-जिन स्थानों पर गिरे, वे सभी शक्तिपीठ स्थल बन गए। ऐसे शक्तिपीठ 52 हैं और त्रिपुर सुंदरी उन्हीं में से एक है।

शक्ति के उपासकों के लिए यह एक पवित्र स्थान है। मंदिर में काले पत्थर पर उत्कीर्ण पांच फीट ऊंची सायुध अष्टादश भुजाओं वाली देवी की एक मूर्ति प्रतिष्ठित है। मां के प्रभामंडल में नवग्रह और नवदुर्गा के रूप अंकित हैं। देवी के चरणों के नीचे श्रीयंत्र अंकित होने के कारण इसका विशेष महत्त्व है।

कुम्भ 2021 में शिव शंकर को करें प्रसन्न कराएं रुद्राभिषेक, समस्त कष्ट होंगे दूर

मां भगवती त्रिपुर सुंदरी का श्रंगार सप्ताह के प्रत्येक दिन भिन्न-भिन्न प्रकार से होता है। सोमवार को श्वेत वर्ण, मंगलवार को रक्त वर्ण, बुधवार को हरित वर्ण, गुरुवार को पीत वर्ण, शुक्रवार को केसरिया, शनिवार को नील वर्ण और रविवार को पंचरंगी श्रृंगार किया जाता है।

मां के त्रिपुर सुंदरी कहलाने के पीछे कई मान्यताएं हैं। एक यह है कि शक्तिपुरी, शिवपुरी तथा विष्णुपुरी नामक तीन पुरियों में स्थित होने से उन्हें यह नाम मिला। दूसरी यह कि मां दिन में तीन रूपों- प्रात:काल में कुमारिका, मध्यान्ह में षोडशी तथा संध्या में प्रौढ़ रूप में दर्शन देती है इसलिए त्रिपुर सुंदरी कहलाती है। वागड़ प्रदेश में मां त्रिपुर सुन्दरी को तुरतई मां के नाम से भी जाना जाता है। तुरतई इसलिए क्योंकि वे “तुरंत ही” फल देती हैं।

मन्दिर में सुबह सात बजे और शाम को सात बजे आरती होती है जिसमें सैंकड़ों भक्त पहुँच कर आरती का लाभ उठाते हैं। माँ को बाल भोग लगाया जाता हे जिसमें राजगिरे का हलवा चढ़ाया जाता है।
यहां शंकराचार्य पद्धति से श्रीयंत्र की सिद्धि साधना भी होती है।

चैत्र व शारदीय नवरात्रि पर्व पर इस मंदिर के प्रांगण में प्रतिदिन विशेष कार्यक्रम होते हैं जिन्हें विशेष समारोह के रूप में मनाया जाता है। नौ दिन तक प्रतिदिन त्रिपुर सुंदरी के नए निराले श्रंगार की सुंदर झांकी बरबस मन मुग्ध कर देती है। भव्य मूर्ति के दर्शन लाभ हेतु लोग दूर-दूर से आते हैं। तब यहां का वातावरण चौबीसों घंटे भजन, कीर्तन, जागरण, साधना, उपासना, जप व अनुष्ठान से सराबोर हो जाता है। हर ओर माता का जयघोष सुनायी देता है। दर्शनार्थियों में राजस्थान के अतिरिक्त गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली और महाराष्ट्र के भी लाखों श्रद्धालु होते हैं।  

यह भी पढ़े :-         

बीमारियों से बचाव के लिए भवन वास्तु के कुछ खास उपाय !

क्यों मनाई जाती हैं कुम्भ संक्रांति ? जानें इससे जुड़ा यह ख़ास तथ्य !

जानिए किस माला के जाप का क्या फल मिलता है



 
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X