महिलाओं के 16 श्रृंगार की लिस्ट
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सनातन धर्म बहुत सी प्रथाओं से भरा है हम सनातन धर्म की बहुत सी प्रथाओं को उसका उद्देश्य समझकर मानते हैं जरूरी है कि हम इन प्रथाओं के पीछे असल ज्ञान को जाने और सीखे |
क्योंकि आज बहुत सी प्रथाओं को अंधविश्वास मानकर नकारा जाता है तथा इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे महिलाओं की सोलह श्रृंगार की।
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महिलाओं के सोलह श्रृंगार की लिस्ट - 16 Makeup List in Hindi
सिंदूर
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बिंदी
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काजल
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मेहंदी
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गजरा
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मांगटीका
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नथ
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कान के गहने
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गले का हार (मंगलसूत्र)
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बाजूबंद
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चूड़ियां
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अंगूठी
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कमरबंध
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पायल
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बिछिया
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स्नान
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प्रस्तावना -हमारी भारतीय संस्कृति कितनी भव्य और अनोखी है यह तो हम सब जानते हैं कितने ही पश्चिमी देशों से लोग हमारी संस्कृति पर गहन अध्ययन करने भारत आते है उन्हें हमारी संस्कृति, रीति-रिवाज उनसे जुड़ी कहानियों और उनसे जुड़े तथ्य में हमेशा से काफी रुचि रही है। और सबसे अनोखा लगता है उन्हें हमारा पहनावा और श्रृंगार जो भारतीय नारियों के गौरव का प्रतीक माना जाता है हमने सदियों से हमारे भारतीय नारियों को साज-श्रृंगार देखा है उनकी पहचान है
सोलह श्रृंगार। इसलिए हमारे भारत में तीज त्योहार पर स्त्रियां महारानी यों की तरह सजती और श्रृंगार करती हैं जो सनातन धर्म में विवाहिता के लिए सबसे जरूरी माना जाता है।
सोलह श्रृंगार और उनके पीछे के वैज्ञानिक कारण -
इसके बिना कोई भी विवाहित महिला का श्रृंगार पूरा नहीं माना जाता। सिंदूर मांग में भरा जाता है यह मस्तिष्क के बीच की रेखाओं में भरा जाता है यहां हमारे मस्तिष्क की नाड़ियां भी होती हैं तथा सिंदूर में मौजूद रेड लैंड ऑक्साइड से नाड़ियों को आराम मिलता है।
हमारी दोनों आंखों के बीच चक्रशील होता है जो ध्यान करते वक्त सक्रिय हो जाता है इस पर बिंदी लगाने पर हमारी एकाग्रता और बढ़ जाती है।
काजल विवाहित स्त्री और अविवाहित कन्या द्वारा भी लगाया जाता है काजल लगाने से आंखों की सुंदरता तो बढ़ती ही है और इससे नकारात्मकता दूर होती है इसके अलावा काजल लगाने से आपकी आंखें बड़ी और बाहर की तरफ निकलना शुरू होती है जिससे आंखों के नीचे के गड्ढे भरने लग जाते हैं और आंखों को फायदा होता है और इसलिए गांव देहात में बच्चों और पुरुषों द्वारा भी काजल लगाया जाता है।
मेहंदी सुहागन औरतों के लिए सुहाग का प्रतीक मानी जाती है शादी त्योहारों के मौके पर सुहाग ने अपने हाथों और पैरों पर मेहंदी अवश्य लगाती है पर मेहंदी ना सिर्फ हाथों को सजाती है पर महिलाओं के शरीर में हार्मोन परिवर्तन के कारण जो गर्मी होती है उससे भी ठंडक पहुंचाती हैं सनातन धर्म में विवाह के समय पुरुषों को भी मेहंदी लगाई जाती है।
माना जाता है कि स्त्री जब तक सुगंधित पुष्पों का गजरा ना पहने सिंगार अधूरा सा लगता है माता पार्वती को गजरा बहुत पसंद है इसलिए हर महिला भी माता पार्वती की तरह अपने बालों में गजरा अवश्य सजाती है पर गजरा ना सिर्फ बालों की सुंदरता बढ़ाता है पर चमेली के फूलों की सुगंध से आपका मन शांत रहता है और आप सकारात्मक भी रहते हैं।
बालों के ठीक बीचोबीच पहना जाने वाला यह आभूषण स्त्री के सीधे व सटीक मार्ग पर चलने का का प्रतीक माना जाता है पर मांग टीका मस्तिष्क में बढ़ने वाली गर्मी को भी नियंत्रण में रखता है।
नथ पहनने से पति के स्वास्थ्य में वृद्धि होती ऐसा प्रचलन हमारे भारत में माना जाता है कई महिलाएं नाक में हीरा भी पहनती हैं पर इसका एक कारण यह भी है नाक में छेद होने से गर्भवती महिलाओं को प्रसव के वक्त कम तकलीफ होती है
ऐसा माना जाता था कि की औरतें किसी की बुराई ना सुन पाए इसीलिए उन्हें कान में बड़े-बड़े आभूषण पहनाई जाते थे पर वैज्ञानिक दृष्टि से इसका भी एक तथ्य है कान के बाहरी हिस्से में बहुत सारे एक्यूप्रेशर पॉइंट मौजूद होते हैं अगर हम वहां गहने पहनते हैं तो दबा की वजह से किडनी और ब्लैडर स्वस्थ रहते हैं।
मंगलसूत्र भारतीय महिलाओं के लिए सुहाग की निशानी माना जाता है पर ऐसे स्वर्ण और चांदी के आभूषण ब्लड प्रेशर के स्तर को संतुलित रखने में मदद करते हैं।
बाजूबंद पहनने वाली स्त्री को समृद्धशाली परिवार की माना जाता था तभी से यह प्रथा चलती आ रही है पर बाजूबंद ना केवल समृद्धि को बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी बढ़ाता है बाजू में पड़ने वाले खिंचाव की वजह से उनमें चर्बी नहीं होती और हड्डियों में दर्द की भी समस्या दूर रहती है।
चूड़ियों की खनक से घर में लक्ष्मी का वास होता है ऐसे बड़े बुजुर्ग मानते थे पर सोने-चांदी के गहने हाथ में पहनने से उनके गुण हमारे शरीर को भी लाभ पहुंचाते हैं।
आपके हाथ की अंगूठियां आपको हमेशा भरा हुआ रखें आपका हाथ कभी खाली नहीं होने पाए ऐसा माना जाता था विज्ञान के अनुसार जिस उंगली में अंगूठी पहनी जाती है वह सीधा दिल और मस्तिष्क से जाकर मिलती है और उनकी सक्रियता को बनाए रखती है।
कमरबंद दर्शाता है कि आपकी पत्नी आपकी घर की स्वामिनी है सब उसके अधिकार में है पर विज्ञान की दृष्टि में कमर में गहने बांधने से यह कमर पर चर्बी को जमने नहीं देता हैं।
पायल की चन चन से घर में खुशियों का आगमन होता है पर चांदी जैसे धातु की पायल पैर में पहनने से एड़ियों की सूजन में राहत मिलती है और पैरों को भी ला मिलता है।
बिछिया पहनना सुहागन औरतों के लिए शुभ माना जाता है पर विज्ञान की तथ्यों के अनुसार जिस अंगुलियों में बिछिया पहनी जाती है उसकी नस यूट्रस के साथ जुड़ी होती है जो मासिक चक्र को नियमित रखने में मदद करती है।
श्रृंगार का प्रथम चरण है स्नान। कोई भी और श्रृंगार करने से पूर्व नियम पूर्वक स्नान करते हैं। स्नान में शिकाकाई, भृंगराज, आंवला, उबटन और अन्य कई सामग्रियां मिलाते हैं। तब वस्त्र धारण करते हैं। दुल्हन हैं तो लाल रंग का लहंगा पहनती है, जिसमें हरे और पीले रंग का उपयोग भी होता।
और कुछ चीजें आपकी आस्था और विश्वास पर ही सही होती है हर चीज का वैज्ञानिक नजरिया नहीं होता।
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