काशी दुर्ग विनायक मंदिर में पाँच ब्राह्मणों द्वारा विनायक चतुर्थी पर कराएँ 108 अथर्वशीर्ष पाठ और दूर्बा सहस्त्रार्चन, बरसेगी गणपति की कृपा ही कृपा -10 सितम्बर, 2021
- इस दिन भगवान के भक्त प्रातः काल जल्दी उठ कर अपने घर की पूजा गृह की साफ सफाई करते हैं।
- भगवान श्री गणेश जी की नई मूर्ति को एक ऊंचे से चबूतरे पर रखकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है।
- इस 10 दिनों तक भगवान की भक्ति के साथ अनुष्ठान किए जाते हैं।
- प्रतिदिन भगवान श्री गणेश जी की आरती की जाती है एवम उन्हें भोग लगाया जाता है।
- भगवान श्री गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय है इस कारण से रोजाना उन्हें मोदक और नैवेद्य चढ़ाए जाते हैं।
- भगवान श्री गणेश जी का प्रसाद हर किसी को बांटा जाता है।
- जहां पर सार्वजनिक स्थानों पर भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है वहां पर बड़े-बड़े पंडाल सजाए जाते हैं।
- भक्त लोग पंडालों में बहुत खुशी से आते हैं।
- भगवान श्री गणेश जी की प्रतिदिन पूजा की जाती है और उन्हें भोग लगाया जाता है।
- 10 दिनों की पूजा अर्चना के बाद भगवान श्री गणेश जी का विसर्जन बहुत धूमधाम से निकाला जाता है।
गणेश चतुर्थी : मंत्र--
ऊं एकदंताय विधामहे, वक्रतुंडाय धिमही, तन्नो दंति प्रचोदयात्
ऊं वक्रतुंडायक नृत्यस्त्रय क्लिंग हिंग श्रृंग गण गणपतये वर वरदा सर्वजनं मे वाशमनय स्वाहा
वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभः निर्विघ्नम कुरुमेदेव सर्व कार्येषु सर्वदा
गणेश गायत्री मंत्र--
ऊं एकदंताय विधामहे, वक्रतुंडाय धिमही, तन्नो दंति प्रचोदयात्
वक्रतुंड मंत्र--
ऊं वक्रतुंडायक नृत्यस्त्रय क्लिंग हिंग श्रृंग गं गणपतये वर वरदा सर्वजनं मे वाशमनय स्वाहा
दैनिक गणपति मंत्र--
ऊं गं गणपतये नमः
नाम के साथ गणेश मंत्र--
-ऊं गणध्याक्षय नमः
-ऊं गजाननाय नमः
-ऊं विघ्नाशय नमः
-ऊं गजकर्णकाय नमः
-ऊं विकातय नमः
-ऊं विनायकाय नमः
ऋण हर्ता मंत्र--
ऊं गणेश ऋणं छिंदी वरेण्यम हूं नमः फट
शक्तिविनायक मंत्र--
ऊं ह्रीं ग्रीं ह्रीं
गणेश मूल मंत्र--
ऊं श्रीं ह्रीं क्लें ग्लौम गं गणपतये वर वरद सर्वजन जनमय वाशमनये स्वाहा तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुंडाय धिमहि तन्नो दंति प्रचोदयत ओम शांति शांति शांतिः
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