ज्योतिष में सभी 9 ग्रहों का विशेष महत्व होता है। इन सभी नौ ग्रहों में हर ग्रह इंसान के जीवन पर प्रभाव डालते हैं। इन्ही नौ ग्रहों में एक ग्रह शुक्र होता है। हिन्दू धर्म में इस ग्रह को विशेष स्थान दिया जाता है।
ज्योतिष में इस ग्रह को स्त्री ग्रह भी माना जाता है। जातकों की कुंडली में विवाह से लेकर संतान तक के योग का कारण शुक्र ही है। लाभ का कारक भी शुक्र को माना जाता है। जीवन में सुख-समृद्धि भी शुक्र के शुभ प्रभाव से आती है। शुक्र ग्रह को वैभव, संपन्नता, धन, और ऐश्वर्य के साथ ही प्रेम का कारक माना गया है।
ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह के मजबूत होने पर व्यक्ति को अपने जीवनसाथी के साथ मजबूत रिश्ता बनता है। शुक्र ग्रह को अपने पक्ष में करने के लिए शुक्रवार के दिन इस ग्रह की पूजा करनी चाहिए। शुक्र ग्रह के अस्त और उदय होने पर विवाह पर विशेष प्रभाव रहता है। इस ग्रह के अस्त होने पर शादियां नहीं होती हैं। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत घर मे रहते हैं उनकी लव लाइफ और शादी के बाद अपने जीवनसाथी से सुंदर रिश्ते रहते हैं।
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शिव पुराण में शुक्र को प्रसन्न करने के उपाय बताए गए हैं। शादी के बाद पति-पत्नी के बीच कैसे संबंध रहेंगे, यह बात शुक्र ग्रह से दोनों की दशा पर ही निर्भर करता है। शुक्र को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार को इस ग्रह की पूजा की जाती है। शुक्रवार को पत्नी को साड़ी गिफ्ट की जाए तो शुक्र देवता प्रसन्न होते हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, हीरा शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र को सुंदरता और स्त्री वर्ग के साथ जोड़ा गया है। इसीलिए हीरे का गहरा संबंध स्त्री वर्ग से स्थापित होता है और यह महिलाओं को खासा पसंद होता है।
शुक्र का इन राशियों से है सीधा संबंध
शुक्र ग्रह के अस्त होने से तुला और वृषभ राशि के जातक ज्यादा प्रभावित होंगे। विशेष रूप से इन राशि के जातकों को धन से संबंधित कार्यों को सोच समझकर करना होगा। साथ ही वह जातक जिनकी कुंडली में शुक्र किसी भी तरह से विपरीत अवस्था में है तो इन जातकों को धन के लेनदेन को लेकर सावधानी बरतनी होगी। वह जातक जो मधुमेह रोग से ग्रस्त हों उन्हें शुक्र के अस्त रहने की अवधि में परेशानियों से गुजरने की संभावना बढ़ जाती है।
शुक्र के अस्त की अवधि तक कर्ज की अधिकता अथवा बहुत बड़ा लेनदेन करने से बचना चाहिए। पति-पत्नी के जीवन में शुक्र ग्रह काफी मायने रखता है, यह प्रेम, प्यार, संतान का प्रतीक माना जाता है, कुंडली में शुक्र अच्छी स्थिति में हो तो पति-पत्नी का दांपत्य जीवन खुशहाल व्यतीत होता है और श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति होती है इसलिए शुक्र के अस्त होने की स्थिति में विवाह नहीं करना चाहिए चाहे परिस्थिति कितनी भी विपरीत हो और विवाह करना जरूरी हो तो भी विवाह को टालना चाहिए और शुक्र के उदित होने का इंतजार करना चाहिए।
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शुक्र ग्रह तथा उसके लाभ किस तरह मनुष्य को मिल सकते है इसके बारे मे पुराणों में भी लिखा है इसलिए अगर मनुष्य को शुक्र ग्रह के लाभ लेना है तो हमेशा उन्हें खुश रखे तथा उन्हें खुश करने के तरीके ढूंढते रहे। या ऊपर दिए गए उपायों के द्वारा शुक्र ग्रह को प्रसन्न करें और अपने पारिवारिक जीवन मे खुशहाली लाए ।
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