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Home ›   Blogs Hindi ›   Kumbh 2021 : Significance of Har Ki paudi

कुम्भ 2021 : हर की पौड़ी स्थान का महत्व

Myjyotish Expert Updated 08 Jan 2021 01:37 PM IST
Astrology
Astrology - फोटो : Myjyotish
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हर की पौड़ी यानि हरि के घर जाने वाली सीढ़ी। हर की पौड़ी उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में है। यहीं से गंगा नदी निकलती है जो कि हिन्दू धर्म में लोगों के धार्मिक विश्वसनीयता का प्रतीक है। हर की पौड़ी को राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था। हर की पौड़ी की पवित्रता को बनाए रखने के लिए गंगा नदी के बीचों बीच भगवान शिव की मूर्ती की स्थापना की गई।

हर की पौड़ी क्यों प्रसिद्ध है

हर की पौड़ी एक एतिहासिक स्थल है जहां से गंगा नदी पहाड़ो से निकलकर मैदानों में प्रवेश करती है। प्राचीन समय में श्री भागीरथ जी के कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर श्री शिव जी ने गंगा माता को पृथवी पर आवंटि होने की आज्ञा दी। 
कहा जाता है कि राजा क्ष्वेत ने हर की पौड़ी पर ही भगवान ब्रह्मा की पूजा की थी। उनकी अराधना से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी उनके समक्ष प्रकट हुए और उनसे मनचाहा वर मांगने को कहा। तब राजा ने ब्रह्मा जी से यह मांगा कि इस स्थान को भगवान के नाम से जाना जाए। ब्रह्मा जी ने राजा की इच्छा के अनुसार उसे वर दिया। तब से हर की पौड़ी को ब्रह्मा कुण्ड के नाम से भी जाना जाता है। इसी कारण हर की पौड़ी भक्तों के लिए एक आस्था का केन्द्र बन गया।

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हर की पौड़ी की मान्यता

मान्यता है कि समुद्र मंथन के बाद जब देव दानवों में अमृत पाने के लिए युद्ध शुरू हुआ तब अमृत के बचाव के लिए भगवान विश्वकर्मा अमृत के कलश को अपने साथ ले जा रहे थे। उसी समय अचानक अमृत की कुछ बूंदे कलश से गिरकर धरती पर गिर पड़ी। उस समय अमृत की बूंदे हर की पौड़ी पर गिरी थी। इसी कारण हर की पौड़ी को पवित्र स्थान माना जाता है। गंगा नदी की पवित्रता के लिए हर की पौड़ी का नाम सबसे पहले आता है क्योंकि हर की पौड़ी के जल को अमृत माना जाता है। 

हर की पौड़ी पर नहाने के लिए हजारों की संख्या में लोग डुबकी लगाने जाते हैं। लोगों का मानना है कि गंगा नदी में नहाने से मोक्क्ष की प्राप्ति होती है और शरीर को स्वर्ग में स्थान मिलता है।
अलग-अलग त्यौहारों पर हर की पौड़ी पर भारी मात्रा में लोग नहाने आते हैं जैसे कि गंगा दशहरा, मकर सक्रांति, सोमवती अमावस्या आदि। हर 12 साल में लगने वाला महाकुंभ का आयोजन भी हर की पौड़ी पर ही किया जाता है। इस दिन हजारों की संख्या में श्रृद्धालु हर की पौड़ी की गंगा नदी में स्नान करने आते हैं।

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