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Kojagari Puja : कोजागर व्रत बनता है धन से संबंधी समस्याओं को दूर करने का अचूक समय

Myjyotish Expert Updated 10 Oct 2022 12:42 PM IST
Kojagari Puja : कोजागर व्रत बनता है धन से संबंधी समस्याओं को दूर करने का अचूक समय
Kojagari Puja : कोजागर व्रत बनता है धन से संबंधी समस्याओं को दूर करने का अचूक समय - फोटो : google
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Kojagari Puja : कोजागर व्रत बनता है धन से संबंधी समस्याओं को दूर करने का अचूक समय 


कोजागर व्रत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. कोजागर व्रत का समय धन से संबंधी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए काफी शुभ माना जाता है. यह व्रत मां लक्ष्मी की कृपा पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए किया जाता है.

ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों की झोली को सुख-समृद्धि से भर देती हैं. इस दिन को देवी लक्ष्मी की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि शरद या कोजागर पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था.

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कोजगरी व्रत में लक्ष्मी पूजा विधि 
कोजागर पूजा का समय देवी लक्ष्मी पूजन के लिए विशेष होता है. इस समय पर सौभाग्य एवं सुख समृद्धि हेतु माता लक्ष्मी का आशीर्वाद लिया जाता है. भारत भर में इस दिन को अनेक नामों से मनाया जाता है. शरद पूर्णिमा, आश्विन पूर्णिमा इत्यादि के साथ कोजागरी पूर्णिमा रुप में मनाते हैं.

कोजागर पूजा का मिथिला और बंगाल में अधिक महत्व है. बंगाल में कोजागर पूजा का दिन लक्ष्मी पूजा का देव मान जाट है. जबकि दिवाली के दिन को बंगाल में काली माता की पूजा का दिन माना जाता है. बिहार में नवविवाहित जोड़े के लिए कोजागर का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है.

कोजागर व्रत पौराणिक महत्व 
कोजागर पूजा की रात का बहुत महत्व है. मान्यता है कि इस रात मां लक्ष्मी धरती पर दर्शन के लिए आती हैं. इसलिए इस रात की गई पूजा और जागरण का विशेष महत्व है. पौराणिक आख्यानों के अनुसार इस दिन समस्त धरा पर अमृत का वास माना जाता है. 

कोजागर व्रत पूजा विधि:
कोजागर व्रत के दिन पूजा हेतु इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करके स्वयं को शुद्ध करना चाहिए. इसके बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए उनकी मूर्ति या चित्र की स्थापना करना चाहिए. विष्णु जी और माँ लक्ष्मी को जल से स्नान कराने के पश्चात भगवान विष्णु को पीले वस्त्र और लक्ष्मी जी को लाल वस्त्र अर्पित करने चाहिए.

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अब उन्हें लाल और पीले फूलों की माला अर्पित करनी चाहिए. उनके सामने घी का दीपक भी जलाना चाहिए. भगवान को मिष्ठान अर्पित करने चाहिए. स्तुति और आरती करके सुबह की पूजा समाप्त करने के पश्चात शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए. कोजागरी व्रत का पालन करने से जीवन के सुखों में वृद्धि होती है तथा भगवान का आशीर्वाद ग्रहण करना चाहिए. 

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