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Home ›   Blogs Hindi ›   Kanya Pujan: why Maa Durga Pooja remains incomplete without girl worship

जानिए क्यों माँ दुर्गा की उपासना कन्या पूजन के बिना रह जाती है अधूरी

My Jyotish Expert Updated 01 Apr 2020 09:14 PM IST
माँ दुर्गा
माँ दुर्गा
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चैत्र नवरात्रि के दौरान माँ दुर्गा की बड़े ही धूम धाम से पूजा की जाती है। देवी के नौ स्वरूपों को नौ दिन तक श्रद्धा और प्रेम भाव से पूजा जाता है। सभी प्रकार के नियम व पूजाकर्म के साथ - साथ नवरात्रि में कन्या पूजन का बहुत ही अधिक महत्व है। कन्याओं को सप्तमी, अष्टमी व नवमी के दिन माँ दुर्गा के नौ रूपों का प्रतिबिम्ब मानकर पूजा जाता है। मान्यताओं के अनुसार देवी प्रथम बार जब धरती लोक पर आती हैं, तब वह अपने बाल रूप में ही विराजमान होती हैं। जिसके कारण देवी के नौ दिन की उपासना के बाद कन्या पूजन अवश्य ही करवाना चाहिए।


कन्या पूजन का नवरात्रि में विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सृष्टि सृजन में शक्ति रूपी नौ दुर्गा, व्यवस्थापक रूपी 9 ग्रह, चारों पुरुषार्थ दिलाने वाली 9 प्रकार की भक्ति ही संसार संचालन में प्रमुख भूमिका निभाती है। कहते हैं जिस प्रकार किसी देवता की मूर्ति पूजा करके हम संबंधित देवता की कृपा प्राप्त कर लेते हैं, उसी प्रकार मनुष्य प्रकृति रूपी कन्याओं का पूजन करके साक्षात् भगवती की कृपा पा सकते हैं।

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नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना करके देवी की प्रतिमा को विराजित किया जाता है। अखंड ज्योत जलाई जाती है तथा नौ दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा - अर्चनाकर व्रत व उपवास किया जाता है। वहीं नवरात्रि की समपन्न तिथि पर कन्या पूजन कर व्रत को तोडा जाता है और पूजा संपन्न की जाती है। छोटी - छोटी कन्याओं को हलवा पूरी का भोग खिलाया जाता है। उन्हें भेट व लाल चुनरी भी दी जाती है यह बहुत ही शुभ माना जाता है।
नवरात्र में कन्या पूजा जरूर करवाना चाहिए। इससे घर परिवार से दुःख और दरिद्रता दूर होती है। त्रिमूर्ति कन्या पूजन से धन - धान्य आता है व घर में सुख समृद्धि का वास होता है। इनके आशीर्वाद से सभी कष्टों का नाश होता है और परिवार पर कोई विपदा नहीं आती। देवी की कृपा से भक्तों को निरोगी होने का सुख प्राप्त होता है।

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