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जानिए माँ दुर्गा की उपासना में क्यों है कन्या पूजन का महानतम स्थान

My Jyotish Expert Updated 31 Mar 2020 08:04 PM IST
Know why the worship of Mother Durga is the greatest place for female worship
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नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। इन दिनों प्रत्येक दिन देवी के एक रूप की उपासना की जाती है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार छोटी -छोटी  कन्याओं को देवी दुर्गा  के नौ स्वरूपों में अष्टमी व नवमी के दिन हलवा पूरी का भोग खिलाने से देवी बहुत प्रसन्न होती हैं। घर - घर में  कन्याओं को निमंत्रित कर उन्हें पूजा जाता है। वैसे तो कई लोग यह पूजन सप्तमी के दिन कर देते हैं परन्तु जो लोग नौ दिन का उपवास रखते हैं वह यह पूजा अष्टमी को नवमी के दिन संपन्नकर अपना व्रत खोलते हैं।


नवरात्रि पर्व के दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व है। नौ कन्याओं को माँ दुर्गा के नौ प्रतिबिम्ब के रूप में पूजकर भोग लगाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार 2 वर्ष से 10 वर्ष की कन्याएं साक्षात देवी का स्वरूप मानी जाती हैं। यह कन्याएं छल और कपट से दूर अथवा बहुत ही पवित्र मानी जाती हैं। कन्या पूजन में कन्याओं की आवभगत में किसी तरह की कमी नहीं चाहिए । भोजन कराने के बाद कन्याओं को दक्षिणा भी देनी चाहिए। इस प्रकार महामाया भगवती प्रसन्न हो कर सभी  मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। कहा जाता है की जब देवी नवरात्रि के समय धरती लोक पर पधारती हैं तब वह सबसे पहले कन्या के रूप में ही विराजमान होती हैं।

नवरात्रि पर कन्या पूजन से होंगी मां प्रसन्न, करेंगी सभी मनोकामनाएं पूरी

कन्या पूजन से देवी अपने भक्तों से बहुत ही खुश होती हैं। कभी भी जबरदस्ती या दिखावे के लिए कन्या पूजन नहीं करना चाहिए ऐसे में माँ रुष्ट हो जाती हैं। कन्या पूजन से घर में सुख समृद्धि व शांति का वास होता है। पारिवारिक कलह भी दूर हो जाती है एवं घर में खुशहाली आती है। बीमारियों व रोगों से छुटकारा मिलता है। इस पूजन से धन ,ऐश्वर्य,मोक्ष व वाद -विवाद में विजय की प्राप्ति होती है।
बहुत बार ऐसा होता है की नौकरी व काम के चलते आप कन्या पूजन नहीं कर पाते। ऐसे में परेशान होने की कोई आवश्यकता नही है। आप चाहे तो यह पूजा किसी भी माध्यम से कर सकते है। देवी की पूजा आराधना में श्रद्धा और मन देखा जाता है।यदि मन से देवी की पूजा करें तो सभी प्रकार की कठिनाइयाँ दूर हो जाती हैं।

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