वहीं गोवा और केरल में कोंकणी समुदाय इसे संवस्तर नाम से मनाते हैं। कर्नाटक में इस पर्व को युगादी के नाम से जाना जाता है। वही आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में इसे उगाड़ी के नाम से मनाया जाता है। गुड़ी पाड़वा के दिन घर में गुड़ी सजाई जाती है तथा घर के दरवाजों पर आम के पत्तों का बंदवार सजाया जाता है।
यह बंदवार घर की सुख शांति और समृद्धि का प्रतीक होता है।
नवरात्र में कराएं कामाख्या बगलामुखी कवच का पाठ व हवन, पाएं कर्ज मुक्ति एवं शत्रुओं से छुटकारा
इस दिन सूर्य की उपासना की जाती है। लोगों का मानना है की इस दिन भगवान से सच्चे मन से कुछ मांगे तो वह अवश्य ही पूर्ण होता है। इस दिन खासतौर पर भक्त घर में सुख शांति, निरोगी जीवन की आशा और धन धान्य की पूर्ति की कामना करते हैं। लोगों के बीच इस पर्व को लेकर बहुत उत्साह होता है, इस दिन सभी नए कपड़े व शक्कर से बने खिलौनों की माला पहनते हैं।
इस दिन पूरनपोली श्रीखंड और नैवेद्यम का भोग लगाकर नवरात्रि का स्वागत किया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम और संकट मोचन हनुमान जी की भी आराधना की जाती है। लोगों के बीच इस पर्व को लेकर हर्ष और उल्लास का माहौल होता है। सभी इस पर्व को मिल-जुलकर खुशियों से मनाते हैं। पुराने साल की विदाई के साथ सभी नए वर्ष का स्वागत करते हैं।
यह भी पढ़े
विंध्याचल पर्वत की विंध्यवासिनी देवी का चमत्कारी धाम
जानिए नवरात्रि के दिनों में क्यों नहीं करने चाहिए ये काम