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Home ›   Blogs Hindi ›   know when to worship due to solar eclipse on the day of Vat Savitri auspicious time and significance

वट सावित्री के दिन सूर्य ग्रहण लगने के कारण कब करें पूजन?जानें इसके शुभ मुहूर्त व महत्व

Myjyotish expert Updated 08 Jun 2021 10:09 PM IST
Vat Savitri significance
Vat Savitri significance - फोटो : Google
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हिंदू परंपराओं और रीति-रिवाजों अनुसार, महिलाएं वट सावित्री व्रत अपने अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं। हर साल यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को रखा जाता है। इसी दिन शनि जयंती मनाने की भी परंपरा है। इस बार खास बात यह है कि इस दिन सूर्यग्रहण भी लग रहा है। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा करके और उसके चारों ओर परिक्रमा लगाकर यह व्रत किया जाता है और पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है। कुछ महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत भी करती हैं।

 इस बार की ज्येष्ठ अमावस्या बेहद खास है क्योंकि इस बार 10 जून,2021 के दिन गुरुवार को अमावस्या के दिन साल 2021 का पहला सूर्यग्रहण लगेगा। यह सूर्य ग्रहण कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होगा। ध्यान रहे ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक लग जाते हैं और पूजा-पाठ करना वर्जित होता है। आइए जानते हैं कब से कब तक रहेगा सूर्य ग्रहण और वट सावित्री पूजा का महत्व और शुभ मुहूर्त। 

10 जून,2021 दिन गुरुवार को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से सूर्य ग्रहण आरंभ हो जाएगा जो शाम 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा। इस तरह सूर्य ग्रहण की कुल अवधि लगभग पांच घंटे की रहेगी। बता दें कि यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस कारण सभी कार्य किए जा सकते हैं। महिलाएं भी बिना किसी संशय के पूजन कर सकती हैं, लेकिन इस दिन पूजा करने के शुभ मुहूर्त के साथ कुछ मुहूर्त ऐसे भी हैं जिनमें पूजन करना सही नहीं रहेगा। 

अमावस्या तिथि वट सावित्री पूजा का शुभ मुहूर्त-

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि आरंभ- 9 जून,2021 दिन बुधवार दोपहर 01 बजकर 57 मिनट पर 
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि समाप्त- 10 जून,2021 दिन गुरुवार शाम 04 बजकर 20 मिनट पर

वट सावित्री व्रत तिथि- 10 जून दिन गुरुवार
वट सावित्री व्रत पारण- 11 जून,2021 दिन शुक्रवार

शुभ काल-

अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक
अमृत काल - सुबह 08 बजकर 08 मिनट से सुबह 09 बजकर 56 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 08 मिनट से सुबह 04 बजकर 56 मिनट तक

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इस समय न करें पूजन-

राहुकाल- दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से शाम 03 बजकर 47 मिनट तक
यमगण्ड- प्रातः 05 बजकर 44 मिनट से सुबह 07 बजकर 24 मिनट तक
आडल योग- प्रातः 04 बजकर 57 मिनट से सुबह 11 बजकर 45 मिनट तक
दुर्मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 12 मिनट से से सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक
कुलिक काल- सुबह 09 बजकर 05 मिनट से सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक

महत्व-

वट सावित्री व्रत सुहागिन स्त्रियां अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखती हैं। इस दिन महिलाएं श्रंगार करने के पश्चात वट वृक्ष (बरगद का पेड़) और सावित्री-सत्यवान की पूजा करती हैं। पूजा के पश्चात सावित्री सत्यवान की कथा पढ़ी जाती है और महिलाएं देवी सावित्री से प्रार्थना करती हैं कि उन्हें अखंड सौभाग्यवती का आशी । 

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