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Home ›   Blogs Hindi ›   Know when Monthly Durgashtami and Shubh Muhurta time

जानें मासिक दुर्गाष्टमी कब और शुभ मुहूर्त का समय

my jyotish expert Updated 17 Jun 2021 10:29 AM IST
दुर्गाष्टमी
दुर्गाष्टमी - फोटो : google
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हिन्दू धर्म मे मासिक दुर्गाष्टमी का बहुत महत्व है और ये कई मायनों मे महत्वपूर्ण भी माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत पड़ता है। मां दुर्गा के जितने भी मानने वाले है वो इस दिन माता रानी को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ करने के साथ-साथ व्रत भी रखते है। पंचांग के अनुसार इस बार मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत 18 जून यानी शुक्रवार के दिन पड़ा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त पूरे विधि-विधान के साथ मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखते हैं और पूजा पाठ करते हैं उन्हें माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और धन-वैभव की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व.

दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त-

हिंदू  पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि आरंभ- 17 जून 2021 दिन बृहस्पतिवार रात 09 बजकर 59 मिनट से
भक्त 18 जून 2021 दिन शुक्रवार को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखेंगे।
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि समाप्त- 18 जून 2021 दिन शुक्रवार रात 08 बजकर 39 मिनट पर।


दुर्गाष्टमी का महत्व-
हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी व्रत की महिमा का बहुत ज्यादा ही मान्यताएं हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त सच्चे मन से मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रहता है मां की आराधना करता है उसपर मां की कृपा हमेशा बनी रहती है। मां दुर्गा ऐसे भक्तों के संकट और बाधाएं हर लेती हैं और उनके जीवन की रक्षा करती हैं। मासिक दुर्गाष्टमी व्रत करने वाले भक्तों के जीवन में खुशियां, यश, धन और वैभव हमेशा बने रहते हैं।


दुर्गाष्टमी के लिए पूजा करने की कुछ सरल विधि-
जैसा कि अपने दिनचर्या के मुताबिक अष्टमी तिथि के दिन भक्त प्रातःकाल उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें। घर में पूजा स्थल साफ-सफाई के बाद गंगाजल से शुद्ध करना बेहद जरूरी है।सुधिकरण करने के बाद अब पूजा स्थल पर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें। अब प्रतिमा के सामने धूप- दीप जलाएं तथा मां दुर्गा को लाल चुनरी चढ़ाए। इसके बाद अक्षत, लाल पुष्प, फल और मिष्ठान भी अर्पित करें। अब मां दुर्गा की चालीसा करें और संभव हो तो घर वालो के साथ मिल कर आरती उतारें।
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