myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Know when is Dhumavati Jayanti? the importance of worship mantra and story

जानें कब है धूमावती जयंती ? पूजा मंत्र और कथा का महत्व

my jyotish expert Updated 13 Jun 2021 02:30 PM IST
धूमावती जयंती 2021
धूमावती जयंती 2021 - फोटो : google
विज्ञापन
विज्ञापन
आदिशक्ति मां पार्वती के रूपों के बारे में आप जानते ही होंगे। आज हम आप को मां के अत्यंत उग्र रूप के बारे में बताने जा रहे है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, धूमावती के रूप को माता पार्वती का अत्यंत उग्र रूपों में से एक माना जाता है। पांचांग के अनुसार, जेठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को धूमावती माता की जयंती के रूप में मनाई जाती है और इस साल यह शुभ दिन 18 जून को पड़ रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन 10 महाविद्या पूजा की जाती है। शास्त्रों में माता धूमावती को विधा के स्वरूप माना जाता है।

तो आइए आज हम जानते हैं माता धूमावती के बारे में...
माता धूमावती को कौवा अति प्रिय है इसलिए उनका वाहन भी कौवा है और साथ ही माता को सफेद रंग के वस्त्र पसंद है इसलिए माता श्वेत वस्त्र को धारण कर और खुले केश के साथ अपने वाहन पर विराजमान रहती है।  
शास्त्रों के मुताबिक, माता की पूजा गुप्त नवरात्रों में की जाती है।  कहते है जो भक्तों सच्चे मन से माता की पूजा करता है। उसके जीवन के सारे पाप धुल जाते हैं और साथ ही सभी दुखों से छुटकारा मिलती है।

धूमावती मंत्र
धूमावती जयंती पर रुद्राक्ष माला से 108, 51 या 21 बार इन मंत्रों का जाप करें।
ॐ धूं धूं धूमावत्यै फट्॥
धूं धूं धूमावती ठः ठः ॥

माता की कथा
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, माना जाता है कि माता पार्वती को एक दिन बहुत तेज भूख लगी, लेकिन कैलाश पर उस दिन खाने को कुछ भी माता को नहीं मिला और फिर माता भगवान शिव के पास गई और खाने को कुछ मांगा। लेकिन भगवान समाधि अवस्था में होने के कारण उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। माता ने कई बार पुछा पर कोई जवाब नहीं मिला। फिर माता को भगवान शिव पर गुस्सा आ गया और भूख की बैचेन होने के कारण माता भगवान शिव को ही निगल गई। शिव के गले में विष होने के कारण माता का शरीर काला और अत्यंत उग्र रूप में दिखने लगीं जिसके बाद भगवान शिव ने माता से कहां आप को इस रूप को धूमावती के रूप में जाना जाएगा। पति को निगलने के कारण से इस रूप को विधवा के रूप में भी जाना जाएंगा। इसलिए माता को विधवा स्वरूप श्वेत वस्त्र और खुल केश में पूजा जाता है।  
 
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X