मकर संक्रांति का महत्व
भारत में हिंदू धर्म की विशेषता यह है कि कोई त्योहार मनाने के पीछे एक कथा होती है जो त्योहार की विशेषता बताती है। मकर संक्रांति भगवान विष्णु की विजय के रूप में भी मनायी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु ने एक असुर पर विजय प्राप्त की थी और उसे मंदार पर्वत पर गाड़ दिया था। उस दिन से मकर संक्रांति को भगवान विष्णु की विजय के रूप में मनाया जाने लगा। चूंकि भगवान विष्णु को भारत में कई रूपों में पूजा जाता है इसी वजह से मकर संक्रांति का पर्व काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। साथ ही इसी दिन पितामह भीष्म ने अपने प्राण त्यागे थे।
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किये हुये काम का फल बढ़कर मिलता है। साथ ही मकर संक्रांति के दिन जप,तप और दान का महत्व है। इस दिन गुड़ रेवड़ी और खिचड़ी का दान दे सकते हैं।
मकर संक्रांति व्रत विधि
इस दिन सूर्य देवता अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं इसलिए आप इस दिन भगवान शनि की उपासना कर सकते हैं साथ ही शनि की मूर्ति पर सरसों का शुद्ध तेल चढ़ायें, और विधि विधान से आप पूजा करना चाहते हैं तो आप अपने गुरू या ज्योतिषाचार्यों से मदद लें।
साथ ही जैसा कि आप जानते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु ने असुरों पर विजय प्राप्त की थी तो आप अपने घर पर विष्णु पुराण का पाठ कराएं। इससे आप अपने घर की सारी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं। कथा के बाद खिचड़ी या कोई प्रसाद का दान जरूर करें।
मकर संक्रांति तिथि और शुभ मुहूर्त
देश के विख्यात ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 2020 मकर संक्रांति पर्व 15 जनवरी को है।साथ ही इसका शुभ मुहूर्त या कहें संक्रांति पुण्य काल सुबह 7:15 से रात 12:30 तक रहेगा। महापुण्य काल 7:15 से 9:00 बजे तक माना गया है।
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