चंद्र ग्रहण 2020 : इस वर्ष का तीसरा चंद्र ग्रहण 5 जुलाई , 2020 रविवार को गुरु पूर्णिमा के दिन होने वाला है। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा , परन्तु मान्यताओं के अनुसार इसके प्रभाव जरूर होंगे। ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है , जिसके कारण इस दौरान कई सावधानियां रखने की जरुरत होती है। इस दौरान विभिन्न नियमों का पालन करने से व्यक्ति को ग्रहण के कारण उत्पन्न होने वाली परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। वही बहुत से कार्यों को करने के लिए मान्यताएं भी है जिससे ग्रहण के प्रभाव दूर हो जातें है।
चंद्र ग्रहण के अवसर पर कराएं चंद्र गायत्री मंत्रों का जाप , घर होगा धन - समृद्धि से संपन्न - 1000 मंत्र : 5 जुलाई 2020
- ग्रहण के समय खाने पीने की मनाही होती है। कहा जाता है की इस दौरान खाना बनाना या खाना नहीं चाहिए। परन्तु यह नियम रोगी ,बच्चों और बुजुर्गों पर लागु नहीं होता है।
- ग्रहण के दौरान सोया भी नहीं जाता है। इस समय किसी भी व्यक्ति को निंद्रा नहीं लेनी चाहिए।
- ग्रहण काल के समय पूजा - पाठ की मनाही होती है। इस कारण से इस समय पूजा की मूर्ति को छूना मना होता है।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में अधिक ध्यान रखना होता है। इस कारण उन्हें ग्रहण के समय अपने पास एक नारियल आवश्य ही रखें चाहिए। ऐसा करने से ग्रहण के प्रभावों का असर बालक पर होने का भय समाप्त होता है।
- शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल में पुरुष और महिला को करीब नहीं रहना चाहिए। ऐसा करना बहुत अशुभ माना जाता है , तथा इसके परिणाम बहुत कष्टकारक होतें है।
- ग्रहण काल में मन , शरीर एवं बुद्धि को सामान्य रखना चाहिए और किसी भी बुरे कार्य को करने का नहीं सोचना चाहिए।
- ग्रहण काल में सभी के प्रति अच्छा व्यवहार रखना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को भूल के भी इस दौरान किसी का अपमान नहीं करना चाहिए और सदैव एक - दूसरे के साथ मिल झूल के रहना चाहिए।
- शास्त्रों के अनुसार यदि कोई भी व्यक्ति ग्रहण काल में किसी को अपमानित करता है तो शनिदेव के नकारात्मक प्रभावों का भार उसे जीवन भर उठाना पड़ता है।
- ग्रहण काल के समय सुनसान रास्तें पर नहीं जाना चाहिए।
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