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जानिए क्या है नवग्रह के दुष्प्रभावों को शांत करने के उपाय

My Jyotish Expert Updated 22 Mar 2020 01:34 AM IST
Know what is the solution to calm the ill effects of Navagraha
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नवग्रह राशि चक्र के अनुसार मनुष्य के जीवन पर सदैव ही ग्रहों के अच्छे व बुरे प्रभाव पड़ते हैं। वहीं जन्म -लग्न, दशा महादशा, अंतर्दशा का प्रभाव फलदायी होता है। नाम राशि के अनुसार गोचर के ग्रह भी इसमें अपना प्रभाव डालते हैं।  ग्रहों के अशुभ प्रभावों के कारण मनुष्य जीवन पर अनेक तरह के संकट आ जाते है। इनका प्रभाव इतना ख़राब होता है की इनसे कोई भी व्यक्ति स्वयं को बर्बाद कर देता है। उसका जीवन मुसीबतों के कारण नर्क समान हो जाता है।


नवग्रहों के अशुभ प्रभावों के कारण व्यक्ति का जीवन दुःख से भर जाता है। उसका शुभ समय भी इन प्रभावों के कारण अशुभ समय में बदल जाता है। इन प्रभावों से उसके जीवन काल की परिस्थितियां विपरीत हो जाती हैं और संकट उसे सदैव घेरे रहता है। इसके कारण उसका जीवन चिंता और तनाव से घिर जाता है तथा उसका आत्मबल भी टूटने लगता है। नवग्रहों के इन प्रभावों से बचने के लिए इनकों हमेशा प्रसन्न रखना आवश्यक है।

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नवग्रहों के पूजन से ना सिर्फ एक परन्तु पुरे नौ ग्रह एक साथ प्रसन्न होते है जिसके कारण व्यक्ति को एक साथ नौ ग्रहों के कृपा की प्राप्ति होता है। अगर आपके कुंडली में कोई भी ग्रह बुरा या अशुभ प्रभाव दाल रहा हो तो वह इस पूजन से दूर हो जाते है।नवग्रह पूजन से सभी ग्रह शांत होते है ,घर में सुख शांति और समृद्धि के लिए कोई भी इनका पूजन कर सकते है। नवग्रह के दोष को शांत करने के लिए करे यह उपाए :
1.सूर्य की शांति के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। नमक का उपयोग कम करें व बुजुर्गों का सम्मान करें।
2. चंद्रदेव की शांति के लिए "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें। सोमवार का व्रत करें तथा सफ़ेद वस्त्र का दान करें।
3. मंगल की शांति के लिए हनुमानजी को चमेली का तेल मिश्रित सिंदूर व घी का चोला चढ़ाए व मंगल स्तोत्र का पाठ करे।
4. बुध ग्रह की शांति के लिए माँ दुर्गा की आराधना करनी चाहिए। पक्षियों को खासकर तोतों को पिंजरों से स्वतंत्र करे।
5. बृहस्पति देव गुरु की शांति के लिए ब्राह्मणों का सम्मान करे व उनका आशीर्वाद प्राप्त करे।
6. शुक्र ग्रह की शांति के लिए कनकधारी माँ लक्ष्मी का प्रतिदिन पाठ करे।
7.शनि ग्रह की शांति के लिए पीपल के वृक्ष तथा भैरव का पूजन करे। 
8.राहु की शांति के लिए सरस्वती का पूजन करना चाहिए तथा घर पर बने शाकाहारी भोजन का ही सेवन करे।
9. केतु की शांति के लिए भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना करे।
 
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