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जानिए क्या है दुर्गा शप्तचंडी पाठ के चमत्कारी फायदे

My Jyotish Expert Updated 28 Mar 2020 01:13 PM IST
Know what are the miraculous benefits of Durga Saptchandi text
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नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। इन दिनों देवी के रूपों को प्रसन्न करने के लिए मंत्रो के पाठ किए जाते है। विभिन्न फल  और पुष्प की भेट चढ़ाई जाती है। भोग के लिए खीर और हलुआ का प्रसाद बनाया जाता है। जगह - जगह मेले लगते हैं। लोग नौ दिन तक देवी की उपासना के लिए अखंड ज्योत जलाते हैं व निराहार उपवास भी करते हैं।


शक्ति हमारे जीवन का मेरुदंड है, हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इनकी आराधना का प्रचलन अनादि काल से हमारी परम्पराओं में चला आ रहा है। नवरात्रि में देवी की पूजा के लिए मार्कण्डेय पुराणों में से 700 श्लोकों का सस्वर पाठ किया जाता है, जिसे देवी या चंडी पाठ के नाम से जाना जाता है। चंडीपाठ केवल निवेदन या प्रशंसा का यशोगान नहीं है। इसके 700 श्लोक अपने आप में अनेकों वैज्ञानिक फ़ॉर्मूलों का मिश्रण है। इस पाठ का एक - एक शब्द अपनी ध्वनि से रासायनिक क्रिया करके आतंरिक शक्ति के अनंत विस्तार की क्षमता रखता है।

नवरात्रि पर विंध्याचल में कराएं दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ पाएं अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य

इस मंत्र की शक्ति से मानसिक बल और उसके विस्तार तथा रासायनिक गठजोड़ से अनेकों असंभव प्रतीत होने वाले कार्य भी संभव किए जा सकते हैं। देवी के चंडीपाठ के रूप में यह फॉर्म्युला यानि की  समस्त सात सौ श्लोक अर्गला, कीलक, प्रधानिकम रहस्यम, वैकृतिकम रहस्यम और मूर्तिरहस्यम के छह आवरणों में बंधे हुए हैं। इस पाठ के सप्त शत मंत्रों में से हर मंत्र अपने चौदह अंगों के तानों - बानों में विख्यात है। यह इस प्रकार है की - ऋषि,  देवता, बीज, शक्ति, महाविद्या,  गुण, ज्ञानेंद्रिय, रस, कर्मेंद्रिय स्वर, तत्त्व, कला, मुद्रा और उत्क्लीन।
धार्मिक व पौराणिक कथाएं विजय तथा शक्ति प्राप्ति के लिए देवी के चंडीपाठ का व्याख्यान करती हैं। एक कथा के अनुसार विजय श्री के सूत्र प्राप्त करने के लिए के लिए श्रीराम ने ऊर्जा के रूपांतरण की सस्वर पद्धति अपनाई थी। मान्यताओं के अनुसार संकल्प और न्यास उच्चारण करने से हमारे भीतर एक रासायनिक परिवर्तन होता है। जो की आत्मिकशक्ति और आत्मविश्वास को आसमान की उच्चाइयों तक पहुंचाने में सक्षम होता है। इससे आतंरिक ऊर्जा का विस्तार भी होता है।

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