आज हम जानेगें कैसे करें शनि देव की पूजा
ऐसे करें शनि पत्नी की पूजा
जैसा की आप सब अवगत है कि
शनि देव को उनकी पत्नी ने श्राप दिया था कि शनि जिसे देखेंगे उसके जीवन की सारी खुशियां गायब हो जाएगी। किन्तु शिव की कृपा से पत्नी द्वारा दिया गया श्राप शनि देव के लिए वरदान बन गया। इसलिए शनि अपनी पत्नी के नाम का जप करने वाले को कभी कष्ट नहीं देते हैं। शनि जयंती के दिन प्रातः शनि की पूजा करके शनि पत्नी मंत्र का जप करें।
शनि पत्नी मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया। कंटकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनेर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्। दुःखानि नाशयेन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमा।।
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ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, अन्य दिनों में भी जो व्यक्ति नियमित इस मंत्र का जप करता रहता है उसे शनि की दशा में कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता है।
इस शनि मंत्र से बाधाओं से पाएं मुक्ति
इस वर्ष शनि जयंती के दिन रात्रि में सूर्य ग्रहण भी होने जा रहा है। यह एक विशेष ज्योतिषीय घटना है। इस अवसर पर सूर्य और शनि की कृपा एक साथ पाने के लिए प्रातः काल सूर्य को देखते हुए 'सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्षः शिवप्रियः मन्दचारः प्रसन्नात्मा पीडां दहतु मे शनिः' इस मंत्र का जप करें। इस दिन से नियमित 𝟸𝟷 दिन तक इस प्रकार से शनि और सूर्य की पूजा करने से जीवन में आने वाली बाधाओं और कष्टों में कमी आएगी।
बिना मंत्र के ऐसे पाएं शनि कृपा
शनि महाराज मजदूर, भिखारी, कमजोर वर्गों के स्वामी हैं। शनि देव को हमेशा खुश रखना है तो इन्हें प्रसन्न रखें और शनि जयंती के मौके पर इन्हें भोजन कराएं। सफाईकर्मियों को धन दें। खिचड़ी में तिल मिलाकर प्रसाद बांटें ।
ऐसे करके न सिर्फ आप शनि देव की पत्नी को बल्कि शनि देव को भी खुश कर पाएगें ।
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