आज हम जानेगें प्रदोष व्रत का मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व जिससे आप है अब तक अनजान:
प्रदोष व्रत की तिथि और मुहूर्त-
जैसा की हम सब अवगत हो चुके हैं, कि आषाढ़ माह का पहला प्रदोष 7 जुलाई दिन बुधवार को पड़ रहा है ∣ जिसके कारण इसे बुध प्रदोष भी कहा जाता है ∣ आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 7 जुलाई को रात्रि 01 बजकर 02 मिनट से 8 जुलाई को प्रातः 03 बजकर 20 मिनट तक रहेगी ∣
प्रदोष काल-
प्रदोष व्रत 7 जुलाई को रखा जाएगा∣ भगवान शिव की पूजा का विशेष मुहूर्त प्रदोष काल सायं 07:12 बजे से 9:20 बजे तक रहेगा ∣
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प्रदोष व्रत की पूजा विधि-
शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष काल में भक्त स्नान आदि करके दिन भर निर्जला या फलाहार व्रत रख कर भगवान शिव का मां पार्वती के साथ पूजन करना चाहिए∣
भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का जल से अभिषेक करें उसके बाद धूप, दीप अक्षत, रोली, मिठाई तथा फूल आदि अर्पित करें ∣
भगवान शिव को बेलपत्र तथा माता पार्वती को लाल चुनरी और सुहाग का समान भी चढ़ाएं ∣
प्रदोष व्रत का महत्व
बुध प्रदोष कल में भगवान शिव का व्रत रखने और पूजन करने से बुध दोष दूर होता है∣ तथा सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं ∣ इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव शंकर आपके सभी कष्टों को दूर करते है. घर में सुख- समृद्धि की वृद्धि करते हैं ∣