हिन्दी पंचांग के अनुसार, आने वाले 10 जून को शनि जयंती है। ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि देव का जन्म हुआ था। शनि देव के पिता सूर्य और माता छाया हैं। ज्योतिष के अनुसार, सभी नौ ग्रहों में शनि देव को न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त है। शनि देव को यह उपाधी महादेव ने दी है। शनि देव कर्मों का फल देते हैं, अच्छे का अच्छा फल और बुरे कर्म करने पर बुरा फल। मान्यता के अनुसार, हनुमान भक्तों को शनि देव कभी भी परेशान नहीं करते हैं। शनि देव की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
इस शनि जयंती पर किस प्रकार से शनि देव की पूजा की जाए, आइए जानते हैं इसके बारे में।
शनि देव की पूजा विधि:
1. शनि जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्म से निपटकर शुद्ध हों। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. फिर हाथ में जल लेकर शनि देव की पूजा और व्रत का संकल्प लें।
3. एक चौकी पर काला वस्त्र बिछाकर उस पर एक सुपारी रखकर उसके दोनों तरफ तेल का दीपक और धूप जलाएं। शनि देव के इस प्रतीक स्वरूप को पंचगव्य, पंचामृत, और इत्र आदि से स्नान कराएं।
4. नीले फूल अर्पित करें।