अक्षय तृतीया का दिवस बहुत ही शुभ माना जाता है। यह दिन कोई भी शुभ कार्य को पूर्ण करने के लिए पर्याप्त माना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ से लेकर विवाह, आभूषण खरीदारी या नए वाहन को खरीदना भी बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन बहुत से लोक अपने तन मन की शुद्धता व पवित्रता के लिए गंगा स्नान करने भी जाते हैं। आजकल चल रहे माहौल के कारण गंगा स्नान तो संभव नहीं परन्तु यदि अक्षय तृतीया के दिन गंगाजल का छिड़काव घर में किया जाए तो वह सभी के लिए बहुत अच्छा होगा। गंगाजल से व्यक्ति निरोगी भी होता है।
अक्षय तृतीया पर देवी विंध्यवासिनी के श्रृंगार पूजा से जीवन की समस्याएं होंगी दूर, मिलेगा धन लाभ का आशीर्वाद : 26-अप्रैल-2020
अक्षय शब्द का अर्थ है कभी न समाप्त होने वाला, इस दिन व्यक्ति सभी प्रकार कार्य कर सकता है जिनका फल वह सदैव भोगता है। माना जाता है की इसी दिन नर नारायण और परशुराम जी का भी जन्म हुआ था जिसके कारण यह दिन और भी शुभ माना जाता है। यह पर्व उनके जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। तथा इसी दिन त्रेतायुग का भी आरम्भ हुआ था। यह सभी संजोग इस पर्व को और भी ज्यादा महत्वपूर्ण व ख़ास बनाती है।
लॉकडाउन के कारण अधिक सामग्री तो मिलेगी नहीं परन्तु कहा जाता है की पूजा व्यक्ति के मन के भाव से की जाती है ना कि सामग्री से, तो सीमित सामग्री में भी यदि मन से पूजा की जाए तो ईश्वर आपकी विनती जरूर स्वीकार करेंगे। प्रातः काल में उठकर स्नान आदि कर विधिवत ईश्वर की आराधना करें जिससे आपकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी। इस दिन लक्ष्मी जी के पूजन से घर में धन संपत्ति की कोई कमी नहीं रहती व उनका आशीर्वाद सदैव व्यक्ति पर बना रहता है।
यह भी पढ़े :-
जानिए माँ विन्ध्यवासिनी से जुड़ी रहस्यमय बातें
विंध्य शैल की खोह में स्थित है महाकाली का मंदिर
जानिए माँ विंध्यवासिनी के विंध्य पर्वत की कथा