देवी बगलामुखी जयंती पर अनुष्ठान से होगा शत्रुओं का नाश व मिलेगी कर्ज व प्रॉपर्टी संबंधित परेशानियों से मुक्ति :- 1 मई 2020
कथन अनुसार प्राचीन काल में सतयुग के समय एक बहुत ही विनाशकारी तूफ़ान आया था जिससे सारे संसार में हाहाकार मच उठा था। उस तूफ़ान के कारण प्राणियों पर बहुत बड़ा संकट आन पड़ा था जिसको दूर करने के लिए भगवान विष्णु बहुत चिंतित हो गए। तब उन्होंने सौराष्ट्र के समीप एक सरोवर के किनारे घोर तपस्या की जिससे विपदा का समापन हो सके। विष्णु जी के कठोर तप से प्रसन्न होकर देवी अपने बगलामुखी स्वरूप में सरोवर से प्रकट हुईं तथा उस विध्वंसकारी तूफ़ान को ख़त्म कर दिया। विष्णु जी के तेज से प्रकट होने के कारण इन्हें देवी वैष्णवी भी कहा जाता है। देवी अपने भक्तों के शत्रुओं का विनाश करके उन्हें सफलता का मार्ग दर्शाती हैं।
बगलामुखी जयंती पर शत्रुओं पर विजय व धन की समस्या से छुटकारा पाने हेतु कराएं 36000 मंत्रों का जाप :- 1 मई 2020
देवी अपने स्वरूप में पीले रंग की साड़ी तथा स्वर्ण आभूषण से अलंकृत है। उन्हें पीला बहुत प्रिय है जिसके कारण वह पीताम्बरा देवी के नाम से भी जानी जाती हैं। बगलामुखी देवी की पूजा करने के लिए प्रातः काल उठकर स्नान करना चाहिए। पूर्ण ध्यान के बाद देवी को यादकर उनकी पूजा का आरम्भ करना चाहिए। देवी की पूजा के लिए पीले फूल, हल्दी की माला, पीले चावल व पीले रंग की मिठाइयों का भोग लगाना चाहिए। इस दिन देवी बगलामुखी देवी के मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। माना जाता है की देवी उससे शीघ्र ही प्रसन्न हो जाती हैं। देवी की आराधना से भक्तों के सभी दुःख-दर्द का निवारण होता है। उनकी कृपा से साधकों के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है तथा कोई कष्ट उसके आस पास नहीं आता।
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