24 मई 2021 को इस महीने का आखिरी प्रदोष व्रत है। मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत भगवान शिव के लिए रखा जाता है और साथ ही माता पार्वती की भी पूजा का विधान है। सोमवार का दिन होने से यह सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है।
कहते है कि आज के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यह व्रत रखते है। जिसे लोगों की मनोकामनाएं पूरी हो सके और हर कार्य में सफलता प्राप्त हो सके। महिलाएं सोम प्रदोष व्रत का अधिकार रखती है कहते है कि कवारी महिलाएं इस व्रत को अच्छे पति के लिए रखती है और उनके जीवन में जीवन खुशियां बनी रहे ।
कब और कितने प्रदोष व्रत
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर साल 24 प्रदोष व्रत आते हैं और जबकि हर महीने में 2 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। हर महीने दो बार त्रयोदशी तारीख आती है। एक बार शुक्ल पक्ष और एक बार कृष्ण पक्ष में।
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सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि-
इस दिन सूर्यास्त से 45 मिनट से पूर्व और सूर्यास्त 45 मिनट के बाद तक का समय प्रदोष काल माना जाता है।आज के दिन भक्तों के शिव मंदिर जाकर धूप, अगरबत्ती आदि मंत्रों का जाप करते हुए भगवान शिव की पूजा करें। जाप के बाद प्रदोष व्रत कथा सुनें। आरती कर परिवार में प्रसाद बांटे। व्रत का पारण अगले दिन फलाहार करें। ऐसा करना शुभ माना जाता है और घर में सुख शांति बनी रहती है।
सोम प्रदोष व्रत पूजा की शुभ मुहूर्त-
सोम प्रदोष व्रत की शुरुआत 24 मई से सुबह 3 बजकर 38 मिनट से लेकर अगले दिन 25 मई की सुबह 12 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।मान्यताओं के अनुसार, महीने के हर प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा सुबह सूर्य निकलने से पहले 45 मिनट और सूर्यास्त के बाद 45 मिनट तक की जाती है।
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